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संगीत की तान छेड़ी तो पंडाल में जो जहां था वहीं थम गया

बंगाली एसोसिएशन इंदौर ईस्ट के दुर्गा पूजा उत्सव में गूंजाकार्तिक दास बाउल का संगित,फिजा में घुल गई बाउल गान की मिठास

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Indore Online

Oct 21, 2015

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इंदौर.जेथा बेरागी आकाशेर तोले मोनमाते बाउल शूरे....हाथ में एकतारा लिए बाउल गायक कार्तिक दास ने जब बाउल संगीत की तान छेड़ी तो पंडाल में जो जहां था वहीं थम गया। बंगाल के वीरभूम जिले से आए मशहूर बाउल गायक कार्तिक दास ने मंगलवार की रात बंगाली एसोसिएशन इंदौर ईस्ट की ओर से सुखलिया में आयोजित दुर्गा पूजा उत्सव में प्रस्तुति दी।

कार्तिक दास बाउल ने एकतारा और खमक खुद बजाया और साथी कलाकारों ने डुबकी, दोतारा, बांसुरी, तबले पर साथ दिया। पारंपरिक साजों की धुनों साथ कार्तिक दास की आवाज और मीठे बाउल गीतों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

बहता रहे बाउल गीत
कार्तिक दास ने कई पारंपरिक बाउल गीत सुनाए, रिद माझारे राखबो छेड़े देबोना/ छेड़े दिले सोनार गोऊर आर तो पाबोना...इस गीत का भावार्थ ये है कि मैं अपने ह्दय में ईश्वर को रख लूंगा और छोड़ूंगा नहीं, क्योंकि अगर छोड़ दिया तो ईश्वर को कभी नहीं पा सकूंगा। बाउल गीतों में राधा- कृष्ण के प्रेम का वर्णन भी था और चैतन्य महाप्रभु की भक्ति भी थी।

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