
बड़ी खबर : पुलिस के हाथ आया भय्यू महाराज का सबसे खास सेवादार, बोला- मैं आठ करोड़ लेकर नहीं भागा
इंदौर. भय्यू महाराज आत्महत्या केस की सबसे अहम कड़ी और उनका खास सेवादार विनायक महीनों तक पुलिस की चकमा देने के बाद गुरुवार को इंदौर पहुंच गया। वह करीब 24 घंटे तक शहर में रहा पर पुलिस को भनक भी नहीं लगी। आखिरकार शुक्रवार शाम 7 बजे वह खुद सीएसपी आजाद नगर के ऑफिस पहुंचा और बयान दर्ज कराए। इंदौर से लेकर महाराष्ट्र तक में उसे दिन-रात खोज रही पुलिस को वह कहीं नहीं मिला। उसने बताया कि वह धमकियों से डरकर रालेगण सिद्धि के पास गांव लुनी हवेली चला गया था। पुलिस का दावा है, वह उसके गांव भी गई लेकिन तब जब वह वहां से निकल चुका था। इस पूरे घटनाक्रम से पुलिस की जांच पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। तीन घंटे की लंबी पूछताछ करने के बाद भी सीएसपी आगम जैन का कहना है कि विनायक जानकारी नहीं दे रहा है।
विनायक शुक्रवार शाम 7 बजे कुछ रिश्तेदारों के साथ सीएसपी आजाद नगर आगम जैन के ऑफिस पहुंचा। तब अन्य सेवादारों के बयान चल रहे थे। विनायक ने बताया, वह भय्यू महाराज की मौत के बाद से शहर में ही था। पुलिस ने बयान लिए तब मौजूद रहा। भय्यू महाराज का खास होने से धमकियां मिलने लगीं। हालांकि उसने यह नहीं बताया, क्या धमकियां मिल रही थीं और कौन दे रहा था। धमकियों से डरकर महाराष्ट्र में रालेगण सिद्धि के पास गांव लुनी हवेली चला गया। तब से वहीं रह रहा था। पुलिस ने पूछा, इतने नोटिस के बाद भी क्यों नहीं आया तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया।
आठ करोड़ रुपए लेकर भागने के सवाल पर उसका कहना था, मेरे पास कोई पैसा नहीं है। यहां गुजर-बसर लायक आमदनी नहीं होने पर वापस गांव चला गया। घटना वाले दिन युवती द्वारा ब्लैकमेङ्क्षलग के लिए भय्यू महाराज को फोन किए जाने के सवाल पर उसने चुप्पी साध ली। बाद में बोला, मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। सीएसपी ने बताया, विनायक से करीब दो-तीन घंटे तक पूछताछ की गई। सेवादार प्रवीण गाडगे व गोलू को बुलाकर विनायक का आमना-सामना करवाया गया।
मैं कहीं भागा नहीं था, जांच में मदद करूंगा
विनायक का कहना है, मैं कही भागा नहीं था। मैं और अन्य सेवादार पुलिस जांच में पूरा सहयोग करेंगे। हम नार्को टेस्ट के लिए भी तैयार हैं। युवती द्वारा महाराज को ब्लैकमेल करने की बात गलत है। हम भी चाहते हैं, भय्यू महाराज की मौत की सच्चाई सबके सामने आए। विनायक ने काह, भय्यू महाराज मेरे घर का खर्च उठाते थे। उनकी मौत के बाद मुझे काफी परेशानी आई। घर का खर्च, बच्चों की फीस तक नहीं दे पा रहा था। तब में अपने परिवार के पास चला गया। वहां खेती कर रहा था। मैं कोई पैसा लेकर नहीं भागा।
गहराते जा रहे ये सवाल
- विनायक गांव क्यों गया?
- उसे धमकियां कौन दे रहा था?
- पुलिस को वह गांव में क्यों नहीं मिला?
- उसके इंदौर में आने की खबर पुलिस को क्यों नहीं मिली?
- 8 करोड़ रुपए लेकर भागने पर उसकी चुप्पी।
- युवती और उसके द्वारा भय्यू महाराज को किए फोन का राज।
Published on:
29 Dec 2018 10:42 am
बड़ी खबरें
View Allइंदौर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
