
इंदौर. देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर ऑफ कॉलेज डेवलपमेंट काउंसिल (डीसीडीसी) निजी कॉलेजों को अपनी उंगलियों पर नचाने में माहिर है। नियमों की जादूगरी करते हुए वे मनमाने तरीके से कोड-२८ का तोड़ निकालते रहे हैं। लेकिन, एक लॉ कॉलेज के लिए किया कारनामा उनके लिए मुसीबत बन गया है। कार्यपरिषद (ईसी) में मामला उठने पर यूनिवर्सिटी ने डीसीडीसी को नोटिस दिया है।
एक सदस्य की नजर प्रिंसिपल के बायोडाटा पर पड़ी
डीसीडीसी प्रो. सुमंत कटियाल निजी कॉलेज में प्राचार्य की नियुक्ति के चक्कर में उलझ गए हैं। मामला एक निजी लॉ कॉलेज से जुड़ा है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के नियमों को दरकिनार कर मैनेजमेंट की प्रोफेसर को प्रिंसिपल चुना गया। पिछली ईसी बैठक में यह अनुमोदन के लिए आया, तो एक सदस्य की नजर प्रिंसिपल के बायोडाटा पर पड़ी। बीसीआई के नियमानुसार लॉ कॉलेज में सिर्फ लॉ फैकल्टी को ही प्रिंसिपल बनाया जा सकता है। ईसी सदस्यों ने भी इस पर आपत्ति ली। दरअसल, प्रिंसिपल की नियुक्ति में पूरी भूमिका डीसीडीसी प्रो. कटियाल ने निभाई थी। अब यूनिवर्सिटी ने उन्हें नोटिस जारी कर दिया है। यूनिवर्सिटी के प्रभारी रजिस्ट्रार अजय वर्मा ने कहा, स्पष्टीकरण भी ईसी में ही रखेंगे।
६ साल से जमे हैं
यूनिवर्सिटी में स्थायी डीसीडीसी का पद २५ वर्ष से खाली है। अभी परीक्षा नियंत्रक का जिम्मा अशेष तिवारी, प्रेस नियंत्रक का जिम्मा अजय वर्मा और डीएसडब्ल्यू का जिम्मा एलके त्रिपाठी संभाल रहे है। डीसीडीसी की कुर्सी पर ६ साल से कटियाल ही जमे हुए हैं।
नियमानुसान नियुक्ति
&प्रिंसिपल की नियुक्ति नियम अनुसार हुई है। चयन समिति में लॉ एक्सपर्ट और अतिरिक्त संचालक भी थे। अगर गड़बड़ी की आशंका है तो अतिरिक्त संचालक को भी नोटिस देना चाहिए।
-सुमंत कटियाल, डीसीडीसी
एक सदस्य की नजर प्रिंसिपल के बायोडाटा पर पड़ी तब कार्यपरिषद (ईसी) में मामला उठने पर यूनिवर्सिटी ने डीसीडीसी को नोटिस दिया है।
Published on:
28 Aug 2017 04:29 pm
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