
इंदौर. प्रतिबंध के बावजूद शहर में खुलेआम बोरिंश मशीनें घूम रही हैं। सब जानते हैं कि ये कहीं बोरिंग करने जा रही हैं, लेकिन कोई कार्रवाई या पूछताछ नहीं करता। दरअसल, बोरिंग होने पर लोग पुलिस थाने में शिकायत करते हैं, इसलिए बोरिंग वाले पहले ही संबंधित क्षेत्र के थाने में सेटिंग कर लेते हैं । कोई शिकायत भी करे तो पुलिस मौके पर नहीं जाती। नगर निगम और प्रशासन के अफसरों के आने का तो सवाल ही नहीं उठता।
स्टिंग : बोलो, अभी कर देंगे बोरिंग
रिपोर्टर- बोरिंग करवाना है, हो जाएगा?
कर्मचारी- कार्ड ले लो, मालिक से बात कर लो।
रिपोर्टर- अभी बोरिंग हो रहे हैं या नहीं?
कर्मचारी- वे बता देंगे। वैसे कहां करना है?
रिपोर्टर- धार रोड पर करवाना है।
कर्मचारी- यह गाड़ी चली जाएगी वहां पर?
रिपोर्टर- हां चली जाएगी, बड़ा रोड है।
कर्मचारी- अभी ही कर देंगे, पहले मालिक से बात कर लो। यह लो मैं बात करवा देता हूं।
(कर्मचारी ने अपने मोबाइल से मशीन मालिक जितेंद्र चौधरी से बात करवाई)
थाने में पैसा ले देकर हो जाएगा बोरिंग
मशीन मालिक- कहां करना है बोरिंग?
रिपोर्टर- प्रतापनगर के पहले। धार रोड पर है, कितना पैसा लगेगा?
मशीन मालिक- 75 रुपए प्रति फीट लगेंगे 8 इंच बोरिंग के।
रिपोर्टर- टोटल कितने रुपए हो जाएंगे?
मशीन मालिक- 30 से 35 हजार रुपए में हो जाएगा।
रिपोर्टर- परमिशन वगैरह का क्या होगा?
मशीन मालिक- वह सब हम देख लेंगे।
रिपोर्टर- हाथोंहाथ हो जाएगा क्या?
मशीन मालिक- हां, हो जाएगा, परमिशन के 8 हजार रुपए अलग से लगेंगे।
रिपोर्टर- फिर कोई दिक्कत तो नहीं आएगी?
मशीन मालिक- कोई दिक्कत नहीं है। रोज चल रही है 2 करोड़ की गाड़ी। थाने में पैसे ले-देकर काम हो रहे हैं।
रिपोर्टर- पर हमने सुना है अभी बोरिंग हो नहीं रहे, हमारा पैसा फंस नहीं जाए?
मशीन मालिक- भैया, आप तो पैसे की रिस्क ले रहे हो, मैं इतनी बड़ी गाड़ी की कैसे रिस्क ले रहा हूं।
रिपोर्टर- हमारे क्षेत्र में चंदन नगर थाना लगता है, आप बात कर लोगे?
मशीन मालिक- सब हो जाएगा। हमारी सेटिंग रहती है।
रिपोर्टर- ठीक है आपका कॉर्ड मेरे पास है। मैं थोड़ी देर में फोन लगाता हूं।
Published on:
23 Feb 2018 03:12 pm
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