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हिमालय के पौधे का इंदौर में करेंगे अध्ययन, दूरदराज से आएंगे पौधे

हिमालय और दक्षिण सहित दूरदराज से कई प्रजाति के पौधे बुलवाए जा रहे हैं, ताकि स्टूडेंट्स इनके बारे में जान सकें ...

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उत्तम राठौड़ . इंदौर . बॉटनी के स्टूडेंट्स के लिए शहर में बॉटनिकल गार्डन बनाया जा रहा है। पहले यह चिडिय़ाघर की जमीन पर बनना था, लेकिन जानवरों के लिए जमीन कम न पड़े, इसलिए नदी किनारे प्लांटेशन शुरू किया गया। नगर निगम अभी वह पौधे लगा रहा है, जो उसके पास उपलब्ध है। हिमालय और दक्षिण सहित दूरदराज से कई प्रजाति के पौधे बुलवाए जा रहे हैं, ताकि स्टूडेंट्स इनके बारे में जान सकें।

जहां गार्डन की प्लानिंग की गई थी, वहां चिडिय़ाघर का इंटरप्रिटेशन सेंटर बनना था, इसलिए निगम के उद्यान विभाग और चिडिय़ाघर के अफसरों ने गार्डन के लिए नई जगह तलाशी। जहां गार्डन बन रहा है, वह चिडिय़ाघर का हिस्सा न होने के साथ जानवरों के पिंजरे और अन्य निर्माण के लिए आरक्षित नहीं है। चिडिय़ाघर में ब्रिज के पास से नदी तक जाने का रास्ता है, इसलिए यहीं नदी किनारे गार्डन बनाया जा रहा है। इससे आने-जाने में परेशानी नहीं होगी। पौधों को पानी मिलता रहेगा। निगम उद्यान विभाग ने यहां पौधे लगाना शुरू कर दिए हैं।

गार्डन के लिए पौधों की जो सूची मिली है, उसके हिसाब से कई पौधे दूरदराज जैसे हिमालय और दक्षिण सहित अन्य जगह पाए जाते हंै। निगम इन पौधों को लाने की प्लानिंग कर रहा है। हालांकि यहां लाने के बाद इन्हें संभालना मुश्किल काम होगा, क्योंकि पौधों को मूल जगह जैसा वातावरण नहीं मिल पाएगा।

ये पौधे लगाए
सीता अशोक, मोसरली, अर्जुन काऊ और मधुर कामनी आदि। इनकी ऊंचाई 1 से 3 फीट तक है। अभी 15 से 20 पौधे लगाए गए हैं।

हिमालय से यह पौधा आएगा
हिमालय से चिरपॉइंट पौधा लाया जाएगा। इसे बहुत ज्यादा ठंड यानी कम तापमान में रखना पड़ता है। करीब 10 पौधे लाए जाएंगे। कोशिश रहेगी कि पौधे लाने के बाद जिंदा रहें, ताकि पूरे देश से आने वाले पौधों के बारे में बॉटनी के स्टूडेंट्स बारीकी से जान सकें।

इनको लगाने की सौंपी सूची
पेड़ों में कृष्णवट, छोटा बरगद, कृष्ण कदम, रुद्राक्ष, मनीमोहर, नागलिंगस, चीढ़, सलाई, सीता अशोक, मेग्नोलिया, लक्ष्मी तरू, कंडोल, टेमरू, तेंदुपत्ता, अर्जुन, अंजन, गदा पलाश, मोरसली और शिवजटा, पौधों में गूगल, हरीचंपा, सावनी, अडूसा, मधुकामनी, सोलेनय, केवड़ा और ऐयर सहित अन्य शामिल हंै।

इस प्रकार बनी प्लानिंग
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर कान्ह-सरस्वती नदी की सफाई चल रही है। पिछले दिनों कलेक्टर निशांत वरवड़े की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। इसमें कान्ह नदी किनारे चिडिय़ाघर की तरफ सफाई के बाद व्यवस्थित हुई जगह पर बॉटनिकल गार्डन विकसित करने का निर्णय लिया गया। अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह के आदेश पर उद्यान विभाग के अधिकारी कैलाश जोशी, उद्यान प्रभारी तेजकरण और याचिकाकर्ता किशोर कोडवानी ने निरीक्षण किया। कोडवानी ने पौधों की सूची निगम को सौंपी।

बॉटनी के विशेषज्ञ और गुजराती विज्ञान महविद्यालय के पूर्व प्राचार्य ओपी जोशी, होलकर विज्ञान महाविद्यालय के विभागाध्यक्ष किशोर पंवार व कन्या महाविद्यालय के विभागाध्यक्ष भालेश्वर दुबे ने सूची पर अंतिम मुहर लगाई। स्टूडेंट्स को यहां 30 से ज्यादा प्रजातियों के पौधे मिलेंगे। इससे अध्ययन में सुविधा होगी।

काम शुरू हो गया है
कान्ह नदी किनारे बॉटनिकल गार्डन का काम शुरू हो गया है। निगम के पास अभी जो पौधे उपलब्ध है, उन्हें लगाया जा रहा है। जरूरत के हिसाब से दूरदराज से भी पौधे बुलवाकर लगाए जाएंगे। गार्डन का काम जल्द पूरा होगा।
- देवेंद्र सिंह, अपर आयुक्त, नगर निगम