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हनुमान रथ पर भ्रमण करने निकले प्रभु वेंकटेश तो मन गई दीपावली

हनुमान रथ पर भ्रमण करने निकले प्रभु वेंकटेश तो मन गई दीपावली

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इंदौर

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Amit Mandloi

Jul 10, 2018

brahamotsav at laxmivenktesh mandir indore

हनुमान रथ पर भ्रमण करने निकले प्रभु वेंकटेश तो मन गई दीपावली

- छत्रीबाग में घर-घर जाकर दिए प्रभु ने दर्शन, घर-घर लगाए दीप

इंदौर. छत्रीबाग स्थित मंदिर से प्रभु वेंकटेश हनुमान रथ पर सवार होकर भ्रमण पर निकले तो पूरे क्षेत्र में दीपावली जैसा माहौल हो गया। भगवान की अगवानी करने के लिए घर-घर दीप जलाए गए और आतिशबाजी कर स्वागत किया गया। युवाओं की टोली डांडिया करते हुए चल रही थी तो गोविंदा-गोविंदा के जयकारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। घर-घर रंगोली सजी हुई थी और पुष्प वर्षा कर भक्तों ने दर्शन किए।

मंगलवार को ब्रह्मोत्सव के तहत श्री लक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान से छोटी रथयात्रा के रूप में भगवान की यात्रा पूरे छत्रीबाग में निकली। गाजे-बाजे के साथ ही ढोल व वाद्य यंत्र के साथ बग्घियों में विराजे संत और नागोरिया पीठाधिपति स्वामी विष्णु प्रपन्नाचार्य महाराज भक्तों के बीच आशीर्वाद देते चल रहे थे। भक्तों ने स्वामी के चरणों का पूजन किया। भजन गायक हरिकिशन साबू भोपूजी के भजनों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। फूलों से सजे हनुमान रथ पर प्रभु वेंकटेश के दर्शन कर पूजा और आरती की गई। इस अवसर पर प्रभु वेंकटेश का विशेष श्रृंगार किया। प्रभु ने गरुड़ वाहन पर दर्शन दिए। मंदिर परिसर में बड़ी रंगोली बनाई गई थी, जिसमें हाथी और मगरमच्छ का युद्ध बताया गया था। सुबह विभिन्न रस और सुगंधित वस्तुओं द्वारा रजत कलश से महाभिषेक किया। विशेष रूप से प्रभु को मक्खन लगाया गया था और हल्दी लगाकर तुलसी माला धारण कराई गई। यजमान सत्यनारायण शर्मा परिवार को कलश पूजन करवाकर संकल्प करवाया।
भगवान से संबंध स्थापित होने पर मिलती है करुणा

धर्मसभा में स्वामी विशंप्रपनच्र्या ने कहा, वैष्णव के लिए ब्रह्मोत्सव कल्याणकारी है, जिसमें भगवान से संबंध स्थापित होता है और उनकी करुणा हमें प्राप्त होती है। स्वामी अनंतचर्या ने कहा कि सृष्टि की क्रियाशीलता का मूल्य भगवान है। सृष्टि में सुनने-सुनाने वाले के बीच संबंध स्थापित करने वाली माता प्रकृति है। यह भगवान की ही शक्ति का परिणाम है। शक्ति का अनुभव किया जा सकता है, जिस तरह से हम अपनी संतान के लिए परिवार के लिए आने वाले समय के लिए कुछ न कुछ जोडक़र रखते हैं, उसी तरह जीवन सार्थक करने के लिए पुण्य कर्म भी जोडक़र रखना चाहिए। मंदिर समिति के सुरेशचंद राठी, मधु मुछाल, रामकृष्ण जाखेटिया, अशोक डागा, राजेंद्र सोनी, दिव्यांश वेंदती, रंगनाथाचार्य मौजूद थे।
आज तिरुपवाड़ा उत्सव

प्रचार प्रमुख पंकज तोतला ने बताया कि बुधवार को बसंतोत्सव और दोपहर १२ बजे से तिरुपवाड़ा उत्सव मनाया जाएगा। रात्रि में वेंकटेश भगवान की परिक्रमा गरुड़ वाहन पर निकलेगी। भजन गायक द्वारकादास मंत्री के भजन होंगे।