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आवासीय जमीन को गैर आवासीय बताकर बेच दी, उप पंजीयक, संयुक्त संचालक टीएंडसीपी समेत 5 पर केस

तथ्य छिपाकर विकास अपार्टमेंट संस्था के अध्यक्ष ने बेची जमीन

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आवासीय जमीन को गैर आवासीय बताकर बेच दी, उप पंजीयक, संयुक्त संचालक टीएंडसीपी समेत 5 पर केस

आवासीय जमीन को गैर आवासीय बताकर बेच दी, उप पंजीयक, संयुक्त संचालक टीएंडसीपी समेत 5 पर केस

इंदौर. विकास अपार्टमेंट गृह निर्माण सहकारी संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष, सहकारिता विभाग के उपायुक्त व नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के संयुक्त संचालक के साथ ही जमीन खरीदने वाले अभय जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत लोकायुक्त ने केस दर्ज किया है। आरोप है, गलत जानकारी देकर संस्था की तीन एकड़ जमीन बिल्डर को बेच दी और उसने वहां ग्रीन वैली बिल्डिंग बनाकर सैकड़ों फ्लैट बेच दिए।

लोकायुक्त ने शिकायत की जांंच के आधार पर दीपक म्हसे पिता शेषराव म्हसे, तत्कालीन अध्यक्ष विकास अपार्टमेंट गृह निर्माण सहकारी संस्था, तत्कालीन उप पंजीयक/उपायुक्त सहकारिता विभाग, तत्कालीन संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश, तत्कालीन भवन अधिकारी कॉलोनी सेल नगर निगम और अभय पिता छगनलाल जैन संचालक मेसर्स कृति डेवलपर्स आरएनटी मार्ग के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियमम 1988 की धारा 13(1) डी, 13(2) एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (संशोधन) 2018 की धारा 13(1), 13(2) तथा भादवि की धारा 120 बी के तहत केस दर्ज किया है।
डीएसपी शिवसिंह यादव के मुताबिक मामला विकास अपार्टमेंट गृह निर्माण सहकारी संस्था से जुड़ा है। संस्था के नाम फरवरी 1988 को ग्राम खजराना की 36.24 एकड़ (1.224 हेक्टेयर) जमीन शासकीय रिकॉर्ड में दर्ज हुई थी। संस्था के करीब 620 सदस्य थे, जिन्हें यहां प्लॉट आवंटित होने थे। बाद में नियम के आधार पर कमजोर आय वर्ग वाले सदस्यों को प्लॉट देने के लिए करीब 3 एकड़ जमीन अलग सुरक्षित रखी गई।

नियमों की गलत जानकारी देकर 1 करोड़ में बेची जमीन

डीएसपी के मुताबिक जांच में पता चला कि अध्यक्ष ने गलत जानकारी देकर जमीन बेच दी और अधिकारियों ने भी उसका साथ दिया। तत्कालीन अध्यक्ष दीपक म्हसे ने बताया कि जमीन गैर आवासीय प्रायोजन की है, जिस पर टीएंडसीपी नक्शा पास नहीं करेगा।

एक महीने में बिक गई जमीन
म्हसे ने 27 सितंबर 2007 को संचालक मंडल ने जमीन बेचने का प्रस्ताव पास किया। अगले दिन सहकारिता विभाग के उपायुक्त को आवेदन दिया गया। तत्कालीन उपायुक्त ने 10 अक्टूबर 2007 को जमीन कलेक्टर गाइडलाइन से बेचने की अनुमति दे दी। 27 अक्टूबर को कृति डेवलपर्स के अभय जैन को जमीन बेच दी गई। सौदा कागजों में करीब 1 करोड़ 10 लाख में होना बताया गया, जबकि सौदा काफी ज्यादा कीमत में होने की आशंका है। कनाडिय़ा रोड की इस जमीन पर बाद में सांंठगांठ कर टीएंडसीपी के संयुक्त संचालक व भवन अधिकारी नगर निगम ने नक्शे पास कर दिए और फिर यहां सैकड़ों फ्लैट की बिल्डिंग ग्रीन वैली बना दी गई।

चर्चित बिल्डर से जुड़ा है मामला

लोकायुक्त में हुई शिकायत में आरोप था कि शहर के चर्चित बिल्डर व उनके दो भाइयों ने सांठगांठ कर संस्था सदस्यों की जमीन खरीद ली। सदस्य प्लॉट के लिए भटक रहे हैं। हालांकि, जांच में जमीन अभय जैन के नाम से मिली।