22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अब जेल भी होगी डिजिटल, सेंट्रल जेल में लग रहे इलेक्ट्रिॉनिक दरवाजे

सेंट्रल जेल की सिक्योरिटी बढ़ी, फिंगर प्रिंट और कार्ड से ही खुलेंगे गेट

2 min read
Google source verification
central jail

इंदौर. सेंट्रल जेल में अब इलेक्ट्रॉनिक दरवाजे लगाए जा रहे है। बताया जाता है कि इन दरवाजों को बायोमैट्रिक सिस्टम के साथ जोड़ा जाएगा ताकि बिना अनुमति के कोई भी व्यक्ति एक बैरक से दूसरे बैरक में या दफ्तर में न जा सके, फिर चाहे वह जेल का स्टाफ हो या सीओ।


जेल में कैदियों को एक बैरक से दूसरे बैरक में जाने पर रोक लगी हुई है, लेकिन कई बार स्टाफ की ढीलपोल या अन्य कारणों से वह दूसरे बैरकों में भी चले जाते हैं। वहीं सिपाहियों के मामले में भी शिकायतें आती थीं कि उन्हें कहीं ओर ड्यूटी पर लगाया गया था और वह दूसरे वार्ड में घूमते मिले थे। बिना अनुमति एक बैरक से दूसरे बैरक में जाने से खतरा रहता था। इसी को देखते हुए जेल मुख्यालय ने इलेक्ट्रॉनिक गेट लगाने की तैयारी की है। इसे पहले सेंट्रल जेल में प्रयोग के तौर पर लगाया जा रहा है। इसके बाद जिला जेल पर लगाया जाएगा। इनमें इंदौर सेंट्रल जेल भी शामिल है। जेल अधीक्षक रमेश चंद्र आर्य ने बताया कि इस तरह के गेट लग जाने से अनाधिकृत प्रवेश रुक जाएगा। इसके लिए कंपनी ने सर्वे किया है। अब वह रिपोर्ट देगी। इसी आधार पर बजट तय किया जाएगा।


इस तरह करेगा काम
इस गेट के दोनों ही ओर बायोमैट्रिक मशीन के साथ कार्ड रीडर भी लगाए जाएंगे। बैरक में जिसे भी अंदर जाना होगा, उन्हें सिस्टम से अनुमति दी जाएगी। अधीकृत व्यक्ति के ही ऊंगली के निशान से गेट खुलेगा और बंद हो जाएगा। इसी तरह बाहर आने के लिए भी अंगुली के निशान लगेंगे। वहीं अगर किसी और को भी अनुमति देना है तो उसे कार्ड दिया जाएगा। इस कार्ड से वह व्यक्ति अंदर जा सकेगा, इस तरह किसी भी वार्ड में जाने वालों पर निगरानी रखी जा सकेगी

जिनकी बहनें नहीं आर्इं, उन्हें बांधी राखी
सेंट्रल जेल में कल कैदियों को राखी बांधी गई थी। बताया जाता है कि राखी पर जिनकी बहनें नहीं आ सकीं, उन्हें राखी बांधी गई है। जेल अधीक्षक रमेश चंद्र आर्य ने बताया कि लायंस क्लब ऑफ इंदौर शपथ द्वारा राखी का आयोजन जेल में किया गया था। राखी पर कई कैदियों की बहनें नहीं आई थीं। इसी के चलते राखी नहीं बंध पाई थी। कल के आयोजन में उन्हीं कैदियों को राखी बंधवाई गई है, ताकि उन्हें भी ऐसा न लगे कि उनका कोई भी नहीं है। इस कार्यक्रम में क्लब के चेयरपर्सन कैलाशचंद्र गोयल, अनीता शाह, अध्यक्ष अरुणा जोशी, रीना जोशी और पदाधिकारी मौजूद थे।


फिलहाल इंदौर में एक ही
इंदौर सेंट्रल जेल में फिलहाल एक ही ऐसा गेट लगाया जाएगा। अस्पताल वार्ड में इसे प्रयोग के तौर पर लगाने की तैयारी चल रही है, जबकि संवेदनशील भोपाल जेल में चार लगाए जा रहे हंै। इससे व्यवहारिक कठिनाइयों के बारे में पता चल सकेगा। इसके बाद ही इसे पूरे जेल में इस्तेमाल किया जाएगा।