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बदल रहा दवा का बाजार, 30 फीसदी ऑनलाइन कारोबार

देश के साथ शहर के दवा बाजार ने भी करवट ली है। डिस्काउंट के चलते कई लोग ऑनलाइन फार्मेसी की तरफ बढ़ रहे हैं। यही वजह है कि शहर के कई दवा दुकानदारों ने भी डिस्काउंट के साथ घर पहुंच सेवा शुरू कर दी है। शहर में दवाइयों की 30 प्रतिशत बिक्री ऑनलाइन हो रही है।

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इंदौर

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Lavin Owhal

Dec 20, 2022

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इंदौर. देश के साथ शहर के दवा बाजार ने भी करवट ली है। डिस्काउंट के चलते कई लोग ऑनलाइन फार्मेसी की तरफ बढ़ रहे हैं। यही वजह है कि शहर के कई दवा दुकानदारों ने भी डिस्काउंट के साथ घर पहुंच सेवा शुरू कर दी है। शहर में दवाइयों की 30 प्रतिशत बिक्री ऑनलाइन हो रही है। व्यापार के बदलते स्वरूप ने कई छोटे खुदरा व थोक दवा व्यापारियों के सामने मुश्किल खड़ी कर दी है। मध्य भारत का सबसे बड़ा व्यापार इंदौर से होता है। दवा बाजार से अन्य प्रदेशों में भी दवाइयां भेजी जाती हैं। कई नई ऑनलाइन फार्मेसी कंपनियों के आने से दवा बाजार से दवाइयों की सप्लाई 30 फीसदी तक कम हो गई है। इसकी वजह ऑनलाइन फार्मेसी में कई कंपनियों की आमद बताई जा रही है।
अंधाधुंध दे रहे छूट
ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स का आरोप है कि ऑनलाइन दवा बेचना गलत है, ऑनलाइन फार्मेसी उत्पादन मूल्य से भी कम दाम पर दवाइयां बेच रही है। अगर सरकार ऑनलाइन फार्मेसी द्वारा दी जा रही अंधाधुंध छूट पर लगाम नहीं लगाती है तो दवा व्यापारी देशव्यापी आंदोलन करेंगे।
दवाइयों की कीमतों को नियंत्रित करने वाले नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) ने शेड्यूल दवाइयों पर व्यापार मार्जिन 16 प्रतिशत और खुदरा विक्रेताओं के लिए नॉन शेड्यूल दवाइयों के लिए 20 प्रतिशत निर्धारित किया है।
30 फीसदी तक व्यापार प्रभावित हो रहा है। कई ऐसी दवाइयां भी हैं, जो सामान्य रूप से नहीं बेची जा सकती, लेकिन उन्हें भी ऑनलाइन बेचा जा रहा है।
- निर्मल जैन, सचिव, द इंदौर केमिस्ट एसोसिएशन, दवा बाजार
छोटी दवा दुकानों के लिए इस तरह की छूट के खिलाफ प्रतिस्पर्धा संभव नहीं है। इस अवैध पर सरकार लगाम लगाए, वरना हमें आंदोलन की राह पकड़नी होगी।
राजीव सिंघल, जनरल सेक्रेटरी, एआइओसीडी