इंदौर. कांग्रेस विधायक सज्जनसिंह वर्मा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर सूरत की अदालत के फैसले की जांच करने की मांग की है। शनिवार को कांग्रेस की ओर से प्रदेश में बढ़ते अपराधों पर प्रेस कांफ्रेंस कर रहे वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधिश से मांग की है कि वे कोर्ट के इस आदेश की समीक्षा खुद करें। और इसके साथ ही वे 2014 में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उन झूठे वादों की भी समीक्षा करें जिनमें उन्होंने जनता को 15 लाख रुपए और 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था। उन्हें इसके लिए सजा भी दें।
वर्मा ने इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष पर भी सवाल खड़े किए। उनका कहना था कि चूंकी राहुल गांधी अडानी और अंबानी से प्रधानमंत्री के रिश्तों पर सवाल खड़े कर रहे थे जो कि प्रधानमंत्री को बूरा लग रहा था। इसके कारण ही गांधी को लेकर फैसला आते ही लोकसभा अध्यक्ष ने तुरंत उनकी सदस्यता समाप्त कर दी। जबकि कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें अपील करने के लिए एक माह का समय मिला है। मप्र में भाजपा के विधायकों पर फैसला आने के बाद उनकी सदस्यता छह माह बाद भी नहीं खत्म की गई थी। लेकिन गांधी के मामले में तेजी दिखाते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने जो फैसला लिया है उससे साफ है कि राहुल गांधी के सवालों से भाजपा और खासतौर पर प्रधानमंत्री डरे हुए थे।