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इंदौर. देश की क्लीन सिटी इंदौर में बेतरतीब घूम रहे ई-रिक्शा पर सरकारी लगाम कसना शुरू हो गई है। कलेक्टर के निर्देश पर आरटीओ ने 2 मार्च से पंजीयन पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए हैं। साथ सभी डीलरों से ई-रिक्शा के स्टाक की सूची मांगी है। इधर, नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले ई-रिक्शों को जब्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
शहर के यातायात को सुधारने के लिए सरकारी महकमा मंथन कर रहा है। इसमें सामने आया कि ट्रैफिक जाम की एक बड़ी वजह ई-रिक्शा भी हैं। शहर के प्रमुख मार्गों पर सैकड़ों की संख्या में बेतरतीब चल रहे हैं, जिससे आम वाहन चालकों की फजीहत हो रही है। स्थिति को देखते हुए सडक़ सुरक्षा समिति की बैठक में फैसला हुआ कि नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाई जाए। बड़ी बात यह है कि ये प्रस्ताव भी ई-रिक्शा महासंघ की ओर से आया था।
कलेक्टर के निर्देश, आरटीओ का आदेश
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर आरटीओ प्रदीप शर्मा ने आदेश जारी कर दिया कि 2 मार्च से नए ई-रिक्शा का पंजीयन नहीं होगा। इसको लेकर प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जा रहा है। उसमें कहा है कि शहर में आवश्यकता से अधिक वाहन हो गए हैं, जिसका असर यातायात पर पड़ रहा है। इसके साथ सभी ई-रिक्शा विक्रेताओं से गाडिय़ों का स्टॉक ले लिया है। निर्देश भी दिए गए हैं कि वे नई गाडिय़ां ना बुलाएं।
अब तक पांच ई-रिक्शा जब्त
नियमों को ताक पर रखकर चलने वाली ई-रिक्शा पर आरटीओ विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। फिटनेस, रजिस्ट्रेशन, नंबर प्लेट, बीमा, ड्राइवर का लाइसेंस, वाहन में ओवरलोडिंग की जांच की जा रही है। यात्रियों से फीडबैक भी लिया जा रहा है। विभाग ने अब तक पांच ई-रिक्शा को जब्त किया है। 80 से अधिक पर मोटरयान अधिनियम की विभिन्न धाराओं में कार्रवाई की जा चुकी है।
Published on:
14 Feb 2024 05:48 pm
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