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सुभाष चौक पार्किंग का भागा ठेकेदार, शुरू हुई अवैध वसूली

इंदौर नगर निगम तक पहुंचने लगी शिकायतें पर कार्रवाई नहीं, 52 लाख रुपए सालाना में गया था ठेका

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सुभाष चौक पार्किंग का भागा ठेकेदार, लोगों से शुरू हुई अवैध वसूली

सुभाष चौक पार्किंग का भागा ठेकेदार, लोगों से शुरू हुई अवैध वसूली

उत्तम राठौर

इंदौर। नगर निगम ने हमेशा विवादों में रहने वाली सुभाष चौक पार्किंग का ठेका 52 लाख रुपए साल पर दिया। ठेकेदार पार्किंग को छह माह भी नहीं चला पाया और भाग गया। इस पर निगम ने ठेका निरस्त कर ठेकेदार की अर्निस्ट मनी (बयाना रकम) जŽत कर ली है। नया ठेका देने तक पार्किंग को फिर से फ्री कर दिया है, लेकिन यहां कुछ राजनीतिक लोगों द्वारा वाहनों को व्यवस्थित खड़ा कराने के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है। इसको लेकर निगम अफसरों तक शिकायतें भी पहुंची, मगर अब तक कार्रवाई नहीं हुई।

राजबाड़ा के पास स्थित सुभाष चौक पार्किंग का ठेका वर्ष 2018 में समाप्त हो गया था। यह भाजपा के एक नेता के पास था। ठेका समाप्त होने के बावजूद वह दो-चार पहिया वाहन वालों से अवैध तरीके से शुल्क वसूलता था। इसको लेकर कई बार विवाद हुए और निगम मार्केट विभाग ने कार्रवाई भी की। इतना ही नहीं, निगम द्वारा लिखे गए नि:शुल्क पार्किंग को भी मिटा दिया, जिसे निगम ने सख्ती दिखाते हुए फिर से लिखवाया था। फ्री होने के बावजूद पार्किंग में अवैध वसूली की लगातार आने वाली शिकायतों और विवाद को देखते हुए मार्केट विभाग ने इसे फिर से ठेके पर देने का प्रस्ताव बनाकर एमआईसी में भेजा। एमआईसी ने मंजूरी दी, लेकिन प्रस्ताव की कॉपी निगम में भाजपा की परिषद और एमआईसी मेंबर का कार्यकाल वर्ष-2019 में खत्म होने के बाद मार्केट विभाग में देरी से पहुंची। नतीजतन पार्किंग के टेंडर देरी से जारी हुए।

निगम मार्केट विभाग ने ऑनलाइन टेंडर सितंबर 2020 में जारी किए। इसमें प्रतिवर्ष 40 लाख रुपए पर पार्किंग ठेके पर देना तय किया, लेकिन टेंडर खुलने के बाद एक टेंडर अधिक राशि का आया। निगम की तय राशि से 12 लाख रुपए अधिक का, जो एमवाय अस्पताल परिसर में पार्किंग का ठेका चलाने वाले ठेकेदार ने डाला था। ज्यादा पैसा देने वाले को ही पार्किंग ठेके पर देने का फैसला निगम ने लिया, क्योंकि हर वर्ष 40 लाख रुपए की बजाय 52 लाख की इनकम जो हो रही थी। पांच वर्ष में निगम को ढाई करोड़ रुपए से ज्यादा अलग मिल रहे थे। इस पर निगम ने ज्यादा पैसा देने वाले ठेकेदार को सुभाष चौक पार्किंग ठेके पर दे दी। कागजी-खानापूर्ति के बाद ठेकेदार ने पार्किंग का संचालन मार्च 2021 से शुरू कर दिया।

छह महीने में छोड़ दी ठेकेदारी

ठेकेदार ने महज छह महीने ही पार्किंग ठेके पर चलाई और इनकम कम होने पर छोडक़र भाग गया। इसकी वजह बड़ा गणपति चौराहा से कृष्णपुरा छत्री तक चल रहे रोड चौड़ीकरण को बताया जा रहा है। काम के चलते रोड बंद है और वाहनों का आना-जाना कम हो गया है। इसके अलावा ठेकेदार ने अधिक राशि में ठेका अलग ले लिया था, इसलिए वह छोड़ गया। इस पर निगम ने ठेका निरस्त कर बयाना राशि 5 लाख रुपए जŽत कर ली। साथ ही नया ठेका देने तक फिर से इसे नि:शुल्क कर दिया, मगर यहां पर राजनीति से जुड़े कुछ लोगों द्वारा फिर से वाहनों को खड़ा करने को लेकर अवैध वसूली करने की शिकायतें आने लगी हैं।

व्यापारी एसोसिएशन से संभालने को कहा

सुभाष चौक पार्किंग का ठेका निरस्त होने की खबर के बाद भाजपा नेता और पुराने ठेकेदार मोहन प्रजापत ने बिना टेंडर के फिर से पार्किंग उन्हें देने का प्रस्ताव निगम अफसरों के सामने रखा, मगर अफसरों ने इनकार कर दिया। इस पर उन्होंने पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता के साथ निगमायुक्त प्रतिभा पाल से मुलाकात भी की पर बात नहीं बनी। निगमायुक्त ने ठेका देने तक सुभाष चौक मार्केट के व्यापारी एसोसिएशन के माध्यम से पार्किंग का संचालन कराने की बात कही। पार्किंग पूरी तरह नि:शुल्क रखने को कहा। निगमकर्मी तैनात करने के आदेश दिए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और व्यापारिक एसोसिएशन के 10-12 लोगों को साथ में लेकर पुराने ठेकेदार ने ही पार्किंग संचालन अपने हाथ में ले लिया। अब यहां अवैध वसूली की जा रही है।

स्मार्ट सिटी कंपनी को सौंपने की तैयारी

सुभाष चौक पार्किंग को लेकर आए दिन होने वाले विवादों को देखते हुए इसे स्मार्ट सिटी कंपनी को सौंपने की तैयारी है। इसको लेकर जल्द ही पत्र जारी होने वाला है। बड़ा गणपति चौराहा से कृष्णपुरा छत्री तक बनने वाली रोड को हैरिटेज में लिया गया है, इसलिए पार्किंग स्मार्ट सिटी को हैंडअवर की जा रही है।

लोग नहीं दें पैसा, वसूली करने वालों पर होगी कार्रवाई

जिस ठेकेदार ने सुभाष चौक पार्किंग ठेके पर ली थी, वह छोडक़र चला गया। ठेका निरस्त कर अर्निस्ट मनी जŽत कर ली है। अब पार्किंग मुफ्त है। वाहन व्यवस्थित खड़े कराने के लिए व्यापारी एसोसिएशन से कहा है। कोई वसूली कर रहा है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लोगों से अपील है कि पैसा नहीं दें। पैसा मांगने वाले की शिकायत करें। रही बात पार्किंग स्मार्ट सिटी कंपनी को हैंडअवर करने की तो इसको लेकर प्रक्रिया जारी है।

- लोकेंद्र सिंह सोलंकी, उपायुक्त, मार्केट विभाग