
कोविड-19 का नया वैरिएंट दुनियाभर के 41 देशों में फैल चुका है। अब यह भारत में भी इसके मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ओमिक्रॉन के सबसे खतरनाक सब-वैरिएंट का नाम जेएन-1 है। यह कितना खतरनाक है, इसके लक्षण क्या हैं, इस बारे में इंदौर नोडल ऑफ़िसर डॉ. अमित मालाकर से पत्रिका ने की खास चर्चा। बकौल डॉ. मालाकर इस वाइरस की संक्रमण की दर बहुत तेज है, लेकिन यह खतरनाक नहीं है, लोगों को पैनिक होने की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी और तय प्रोटोकॉल का पालन सभी को करना चाहिए।
साक्षात्कार (Interview)
01. पत्रिका:जेएन-1 वैरिएंट किस प्रकार का है और इसके मरीज में किस प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं?
- डॉ. मालाकर: कोविड के वाइरस में म्यूटेशन बहुत तेज गति से होता है, ओमिक्रॉन का सब-वेरीयंट है यह वाइरस, इससे ग्रसित मरीज में कोविड-19 जैसे सर्दी, जुकाम और बुखार वाले लक्षण ही है।
02.. पत्रिका:इंदौर मे कोरोना के अभी कितने ऐक्टिव केस है ?
- डॉ. मालाकर: इंदौर में इस समय कोरोना का एक ही ऐक्टिव केस है जो होम आइसोलेट है।
03. पत्रिका: जेएन-1 वाइरस कितना खतरनाक है और इंदौर के अस्पतालों मे ऑक्सीजन प्लांट की क्या व्यवस्था है ?
- डॉ. मालाकर: इस वाइरस की संक्रमण की दर बहुत तेज है, यह वाइरस इतना खतरनाक नहीं है, सिवेरिटी कम है। इंदौर मे 36 ऑक्सीजन प्लांट चालू हालत में हैं।
04.. पत्रिका: बचाव के क्या तरीके हंै, जिन व्यक्तियों ने कोरोना वैक्सीन के दो डोज लगवा लिए हैं वह कितने सुरक्षित है?
- डॉ. मालाकर: सोशल डिस्टेसिंग का पालन करं और मास्क, सैनेटाइजर का उपयोग करें, भीड़ वाली जगह जाने से बचना चाहिए
05. इंदौर कितने अस्पतालों में निशुल्क सैंपलिंग की जा रही है ?
- डॉ. मालाकर: फिलहाल इंदौर के 6 सरकारी अस्पतालों में मुफ्त सैंपलिंग की व्यवस्था सुचारु रूप से चल रही है।
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Updated on:
24 Dec 2023 08:58 am
Published on:
24 Dec 2023 08:56 am
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