इंदौर. स्वच्छता सर्वे के लिए तैयारी कर रहे नगर निगम ने शहर के सबसे स्वच्छ वार्ड की गणना के नियमों में बदलाव कर दिया है। अब सबसे स्वच्छ वार्ड को तय करने का नया नियम बनाया गया है। जिसमें वार्ड के पार्षद का सक्रिय होना जरूरी है। पार्षद को देखना होगा कि उनके वार्ड में सुबह कचरा गाड़ी समय पर आ रही है या नहीं, कचरा ट्रांसफर स्टेशन पर कब पहुंच रहा है, सफाई कब हो रही है, कर्मचारी हैं या नहीं। पार्षदों को 13 से 20 मई तक गुगल लिंक के जरिए अपने वार्ड में काम की स्थिति को बताना होगा, उसके हिसाब से उन्हें 1 हजार में से नंबर दिए जाएंगे। इसके आधार पर ही शहर का सबसे स्वच्छ वार्ड तय होगा।
गुरुवार को नगर निगम ने पार्षदों के लिए प्रशिक्षण शिविर लगाया था। महापौर पुष्यमित्र भार्गव की पहल पर लगे इस शिविर में पार्षदों को न सिर्फ स्वच्छता से जुड़ी जानकारी दी गई, बल्कि नगर निगम की कार्यप्रणाली और डिजिटल सिटी बनाने में किस तरह से सहयोग कर सकते हैं, उस पर भी चर्चा की गई। लगभग 7 घंटे चले इस शिविर के दौरान अलग-अलग विषयों के विशेषज्ञों और भाजपा के नेताओं ने भी पार्षदों को जानकारी दी। हालांकि इस शिविर में केवल भाजपा के ही पार्षद मौजूद थे। कांग्रेस और निर्दलीय पार्षद शिविर में शामिल नहीं हुए।