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लाइसेंस के आवेदन पर निगम देखेगा नक्शा

आवासीय मकान में नहीं मिलेगा दुकान का लाइसेंस

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लाइसेंस के आवेदन पर निगम देखेगा नक्शा

इंदौर. अतिक्रमण पर सख्ती करते हुए नगर निगम आवासीय भवनों में खुली दुकानों को व्यापारिक लाइसेंस नहीं देगा। निगम आवेदन में देखेगा, जिस दुकान के लिए लाइसेंस मांगा गया है उस भवन का लैंडयूज क्या है। दुकान के आसपास अतिक्रमण तो नहीं है। क्षेत्रीय भवन अधिकारी और भवन निरीक्षक रिपोर्ट देंगे, जिसके आधार पर लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
निगम से आवासीय मकान या बिल्डिंग का नक्शा पास कराने के बाद उसमें दुकानें और ऑफिस खोलकर व्यावसायिक इस्तेमाल की सैकड़ों शिकायतें निगम को मिली थीं। इन दुकानों के कारण उस कॉलोनी या सड़क पर यातायात का अतिरिक्त बोझ पडऩे की शिकायतें भी मिली थीं। इस पर निगम ने आवासीय अनुमति पर बिल्डिंग या मकान में बनी दुकानों को लाइसेंस देने पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। निगमायुक्त ने इस संबंध में राजस्व विभाग को आदेश जारी कर लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया ही बदल दी।
निगम को नुकसान
आवासीय नक्शे पर बनी दुकानों के कारण निगम को काफी नुकसान हो रहा था। साथ ही पार्किंग की भी दिक्कत होती है। मास्टर प्लान का भी पालन नहीं हो रहा था, इसलिए निगम ने यह निर्णय लिया है। निगम को लाइसेंस से सालाना ५ से 7 करोड़ की आय होती है। फिलहाल जारी होने वाले १० लाख से ज्यादा लाइसेंस में काफी कमी आ जाएगी। शहर में बमुश्किल 50 हजार से कम लाइसेंस बनाए जा सकेंगे।
नगर निगम से आवासीय बिल्डिंग और मकान की इजाजत लेकर उसमें दुकानें बनाने की काफी शिकायतें मिली थीं। इसके कारण जनता भी परेशान होती थी। इसके चलते हमने ये निर्णय लिया है।
आशीषसिंह, निगमायुक्त