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सात साल की बच्ची से रेप, कोर्ट ने सुनाया तीन बार मृत्युदंड का ऐतिहासिक फैसला

Indore Rape Case: मासूम से रेप के मामले में इंदौर कोर्ट का बड़ा फैसला, कोर्ट ने घटना को विरलतम श्रेणी का केस मानते हुए तीन धाराओं में तीन बार सुनाई मृत्युदंड की सजा

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innocent girl rape case

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Indore Rape Case: सात साल की बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी को विभिन्न धाराओं में तीन बार मृत्युदंड की सजा दी है। न्यायाधीश ने आदेश में लिखा कि ऐसे अपराधी को भी पॉक्सो कानून में मौजूद अधिकतम दंड नहीं दिया तो, मृत्युदंड के प्रावधान में संशोधन का प्रभाव समाज या लैंगिग हमला करने वाले अपराधियों पर नहीं पड़ेगा। कोर्ट ने आदेश में लिखा कि पीड़िता बलात्कार के बाद जीवित रह जाती है तो, जिंदगी मृत्यु से भी ज्यादा कष्टदायक रहती है।

ऐसे में मृत्युदंड से दंडित करना ही उपयुक्त रहेगा। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) सविता जडिया ने फैसले में लिखा, दुष्कर्मी की मानसिकता देखते हुए कहा जा सकता है कि भविष्य में भी वह ऐसा अपराध कर सकता है। कोर्ट ने घटना को विरलतम श्रेणी का केस माना। कोर्ट ने पीड़िता को 5 लाख रुपए प्रतिकर दिलाने के लिए डीबीए को अनुशंसा की है।

20 साल का दोषी, 10 माह चला ट्रायल

हीरानगर में 27 फरवरी 2024 को बच्ची घर के पास खेल रही थी। तभी कचरा बीनने आया देवास का मंगल पंवार उसे ले गया और दुष्कर्म किया। बच्ची की ऐसी हालत थी कि डॉक्टरों को सर्जरी करनी पड़ी। 20 दिन अस्पताल में भर्ती रही। प्लास्टिक सर्जरी भी हुई। 10 माह चले ट्रायल में डॉक्टरों और अन्य लोगों की गवाही हुई। कोर्ट ने 20 साल के मंगल को दुष्कर्म का दोषी पाया। तीन धाराओं में तब तक फांसी पर लटकाने के आदेश दिए जब तक मौत न हो जाए।

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