
इंदौर. नगर निगम के बजट पर बहस के दौरान हॉल में घुसकर कांग्रेसियों ने एमआईसी सदस्य के साथ झूमाझटकी की। उन पर मुकदमा दर्ज करवाने के लिए महापौर, विधायक और पार्षद को थाने पर धरना देना पड़ा। एफआईआर में नाम को लेकर बहस चल रही थी, जिसमें सीएसपी के अंगुली दिखाकर बात करने पर भाजपाई भडक़ गए।
कल ब्रिलियंट कन्वेशन सेंटर में नगर निगम बजट पर बहस होना थी। जैसे ही शुरुआत हुई कुछ देर में कांग्रेस नेता चिंटू चौकसे, उनकी पार्षद पत्नी माधवी पानी की समस्या को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ पहुंच गई। प्रदर्शन के दौरान कुछ कांग्रेसी हॉल में पहुंच गए। एमआईसी सदस्य सुधीर देडग़े के साथ उन्होंने झूमाझटकी कर अभद्रता की। मामले में प्रकरण दर्ज कराने महापौर मालिनी गौड़, विधायक महेंद्र हार्डिया सहित कई पार्षद लसूडिय़ा थाने पहुंचे।
एफआईआर दर्ज करने का दबाव
पुलिस का मत था कि जांच करके प्रकरण दर्ज करेगी, लेकिन भाजपाई एफआईआर दर्ज करने का दबाव बना रहे थे। इसको लेकर टीआई के कमरे में बैठे सीएसपी पंकज दीक्षित से नेताओं के बीच नोकझोंक चलती रही। बाद में प्रकरण दर्ज करने पर पुलिस राजी हुई तो नाम को लेकर विवाद हो गया। नाराज होकर सीएसपी दीक्षित ने तेज आवाज में बात की जिस पर भाजपाई भडक़ गए। नगर महामंत्री मुकेश राजावत का कहना था कि महिला महापौर को आप अंगुली दिखाकर कैसे बात कर रहे हैं? शहर की प्रथम नागरिक हैं, ऐसे बात की जाती है क्या? सबको मालूम है कि प्रदर्शन करने सबको लेकर चिंटू चौकसे आए थे तो उनका नाम एफआईआर में दर्ज क्यों नहीं किया जा रहा है? इस पर दीक्षित का कहना था कि वह मेरा रिश्तेदार थोड़ी है। माहौल को देख दीक्षित उठकर दूसरी जगह चले गए।
विवाद के बाद पहुंचे दो नंबर पार्षद
गौरतलब है कि दो नंबर विधानसभा के पार्षदों ने बजट और उसकी बहस में हिस्सा नहीं लिया। कल विवाद के बाद थाने पर धरने की खबर मिलने पर एमआईसी सदस्य चंदूराव शिंदे, राजेंद्र राठौर, मुन्नालाल यादव, राजकपूर सुनहरे सहित अन्य पार्षद पहुंच गए। इसमें थप्पड़ कांड की आरोपी रही सरोज चौहान भी मौजूद थीं। उन्हें देखकर भाजपा के कुछ नेताओं को शर्मींदगी भी महसूस हुई जो जेल जाने के समय उनके साथ नहीं थे।
Published on:
14 Jun 2019 04:48 pm
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