23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

शिप्रा उद्गम स्थल पर ही पेड़ काटे

वन विभाग ने की कार्रवाई

2 min read
Google source verification
tree cuting

tree cuting

इंदौर.
एक ओर राज्य सरकार शिप्रा पुर्नजीवन के लिए उसके किनारे पर करोड़ों पेड़ लगाने की बात कर रही है। वहीं दूसरी ओर शिप्रा उद्गम स्थल शिप्रा टेकरी से लगे पेड़ों को काटा जा रहा है। यहां पर ही राज्य सरकार ने चार साल पहले नर्मदा शिप्रा के संगम के तौर शिप्रा रिसोर्ट को विकसीत किया था। उस समय यहां पर मौजूद पेड़ों को काट दिया गया है।
शिप्रा टेकरी से लगाकर ही एक निजी रिसोर्ट है। शिप्रा टेकरी जिस मुंडला दोस्तदार गांव में आती है, उसके ग्रामीणों के द्वारा आरोप लगाए जा रहे हैं कि इस रिसोर्ट के कर्ताधर्ताओं के द्वारा टेकरी की जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। यहां कब्जे करने के लिए पेड़ों को भी काट दिया गया है। यहां पर सागवान सहित अन्य की प्रजाति के 60 से ज्यादा पेड़ लगे थे। लेकिन इन पेड़ों को दो दिन पहले रात के समय आरा मशीनों की मदद से से काट दिया गया। अब मौके पर केवल पेड़ों के तने का निचला हिस्सा ही बाकी है। वहीं पहाड़ी पर पर बरसात के बाद घास के कारण हरियाली हो गई थी। लेकिन पहाड़ी के लगभग 10 एकड़ हिस्से पर जहरीली दवाई का छीड़काव कर दिया गया। जिसके कारण यहां की सारी घास ही जल गई।
वन विभाग की टीम पहुंची
वहीं पेडों की कटाई की बात सामने आने के बाद ग्रामीणों ने इसका विरोध भी किया था। वहीं विरोध के साथ ही ग्रामीणों ने वन विभाग के अफसरों को भी मौके पर बुलवा लिया था। वन विभाग की टीमें भी मौके पर पहुंच गई थी। इन टीमों ने मौका मुआयना करते हुए यहां पर कटे पेड़ों का पंचनामा बनाया।
सोनकर ने बनाई थी बाउंड्रीवाल वो भी उखाड़ी
यहां पर वन राज्यमंत्री रहते स्व. प्रकाश सोनकर ने न सिर्फ पौधारोपण किया था, बल्कि उन्होने यहां लगाए गए पौधों और टेकरी की सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवाल भी बनवाई थी। ये बाउंड्रीवाल भी उखाड़ दी गई है। इसकी भी शिकायत ग्रामीणों ने पुलिस, प्रशासन और वन विभाग को की है।

0 विभाग की टीमें गई थी, लेकिन अभी उनकी रिपोर्ट नहीं मिली है। यदि पेड़ों की कटाई की गई है तो संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी।
- आरएन सक्सेना, एसडीओ, वन विभाग