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VIDEO : इंदौर में पहली बार ‘खतरनाक’ कोहरा, 100 कदम तो दूर लोगों को खुद का हाथ भी दिखा

इंदौर में कोहराम... मावठा बरसने से भी हुई दिक्कत, वाहनों के कांच पर जमी बूंदें हाथ को हाथ न सूझ रहा था, वाहन चालक होते रहे परेशान, मुश्किल से कर पाए ड्राइविंग शहर जागा तो खुद को पाया घने कोहरे में लिपटा, सौ कदम दूर भी कुछ नजर नहीं आ रहा था

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इंदौर

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Reena Sharma

Jan 02, 2020

VIDEO : इंदौर में पहली बार ‘खतरनाक’ कोहरा, 100 कदम तो दूर लोगों को खुद का हाथ भी दिखा

VIDEO : इंदौर में पहली बार ‘खतरनाक’ कोहरा, 100 कदम तो दूर लोगों को खुद का हाथ भी दिखा

इंदौर. नववर्ष 2020 की अगवानी कर बुधवार रात सोया इंदौर जब अगले दिन जागा तो खुद को घने कोहरे की गिरफ्त में पाया। ऐसा कोहरा, जो उसने इससे पहले शायद नहीं देखा था। किसी हिल स्टेशन पर जिस तरह की धुंध छाई रहती है, घाटियों-पहाडिय़ों पर जैसा मौसम होता है, वैसा ही आज नजर आ रहा था। तडक़े से ही ऐसा कोहरा छाया था कि कुछ दिखाई नहीं दे रहा था।

दृश्यता शून्य... सौ कदम दूर का भी स्पष्ट नजर नहीं आ रहा था। हाथ को हाथ न सूझ रहा था। इस कारण वाहन चालकों को खासी दिक्कत महसूस हुई, ऊपर से मावठा भी बरस रहा था। ऐसे में वाहनों को लाइट चालू कर चलाना पड़ रहा था, वहीं मावठे के कारण वाइपर भी चलाने पड़े। यहां तक कि चश्माधारी और हेलमेट पहनने वाले दोपहिया वाहन चालकों भी बार-बार चश्मा साफ करना पड़ा या उसे हटाकर राइड करना पड़ी। अमूमन मालवांचल में इतना घना कोहरा इसके पहले शायद ही देखा गया।

दो साल पहले जरूर कोहरा पड़ा था, लेकिन ऐसा घना न था। पिछले साल तो हलकी धुंध भी नजर नहीं आई थी, लेकिन इस साल औसत से ज्यादा हुई बारिश ने हवा में नमी को बरकरार रखा हुआ है। उत्तर भारत में हाड़ कंपाने वाला जाड़ा पड़ रहा है और अब उसका असर मैदानी इलाकों में भी आ गया है। इंदौर में कल से कोहरे की शुरुआत हुई। कल तो हलकी धुंध थी, लेकिन कल पूरे दिन बादल छाए रहे और सूरज नहीं निकल पाया। इसका असर रात से ही दिखने लगा और कोहरा बढऩे लगा। सुबह होते-होते तो पूरे शहर पर घने कोहरे की चादर फैली थी।

पेड़ों से टपक रहीं थीं बूंदें, सडक़ें थीं गीली

हवा में नमी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पेड़ों की पत्तियों पर पानी वैसे ही जमा था, जैसे बारिश हुई हो। पेड़ों से पानी वैसे ही टपक रहा था, जैसे बारिश के बाद टपकता है। नीचे पूरी सडक़ गीली थी। इसके अलावा रातभर जमकर ओस भी गिरी, इसके चलते भी बाहर रखी हर चीज गीली थी और सडक़ों पर भी पानी नजर आ रहा था। यहां तक कि सुबह बाहर निकलने पर पानी की रिमझिम सी फुहारें महसूस की जा सकती थीं। दोपहिया वाहन चलाने वालों के कपड़े तक गीले हो गए थे।

सुबह नौ बजे तक यही हाल

कोहरे की चादर सुबह 9 बजे तक भी नहीं छंटी थी। बादलों के कारण धूप नहीं निकली और इसके चलते कोहरा छंट नहीं पाया। सुबह 9 बजे तक यही लग रहा था कि मानो अभी सुबह हुई हो। इस समय तक दृश्यता 100 मीटर तक हो गई थी। हालांकि घना कोहरा होने के बाद भी पारा 12.6 डिग्री सेल्सियस पर था, जो सामान्य चार डिग्री अधिक रहा।