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समय पर रिजल्ट देने में फेल, दो दर्जन से ज्यादा परीक्षा फिर लेट

-लीड कॉलेजों से कॉपी जंचवाने का भी नहीं फायदा-चार महीने में भी नहीं आया फस्र्ट इयर का रिजल्ट

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समय पर रिजल्ट देने में फेल, दो दर्जन से ज्यादा परीक्षा फिर लेट

यूनिवर्सिटी की लेटलतीफी...
इंदौर.

देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेजों के लाखों विद्यार्थी परीक्षा और रिजल्ट की लेटलतीफी का खामियाजा भुगत रहे हैं। न कोई परीक्षा समय पर हो रही है और न रिजल्ट आ रहा है। रिजल्ट में देरी से दो दर्जन से ज्यादा परीक्षाएं कई महीने बाद भी नहीं हो पाई हैं।
उच्च शिक्षा विभाग के पिछले सत्र से बीए, बीकॉम और बीएससी में सेमेस्टर सिस्टम खत्म फिर वार्षिक प्रणाली लागू करने से माना जा रहा था, मार्च में परीक्षा कराकर रिजल्ट मई में जारी कर दिए जाएंगे। परीक्षा तो अप्रैल में हो गई, लेकिन रिजल्ट अब तक जारी नहीं हो पाए। कॉपियां लीड कॉलेजों के जरिए जंचवाने का लाभ भी नहीं हुआ। कुलपति प्रो. नरेंद्र धाकड़ ने छठे सेमेस्टर के मूल्यांकन के साथ ये व्यवस्था करवाकर परीक्षा से एक महीने में रिजल्ट जारी करने का दावा किया था। फस्र्ट इयर की परीक्षा देने वालों के लिए सेकंड इयर की पढ़ाई शुरू हो गई है। कॉलेजों में फीस भी जमा करा ली गई। फेल होने पर फीस भी डूबेगी। बीए, बीकॉम, बीएससी के दूसरे और चौथे सेमेस्टर के रिजल्ट भी अटके हैं।

प्रोफेशनल कोर्स के भी यही हाल
बीबीए और बीसीए कोर्स में सत्र २०१७-१८ में एडमिशन लेने वालों के दो सेमेस्टर निपट जाना थे। यूनिवर्सिटी ने अप्रैल-मई में परीक्षा कराने के बाद दो सप्ताह पूर्व पहले सेमेस्टर का रिजल्ट जारी किया। मई में हो चुकी एलएलबी पहले और तीसरे व बीएएलएलबी पहले, तीसरे और पांचवें सेमेस्टर की परीक्षा के रिजल्ट भी नहीं आ सके। बीएएलएलबी दसवें और एलएलबी छठे का रिजल्ट १३ अगस्त को दिया, जबकि इसका रिव्यू रिजल्ट १५ जुलाई से पहले दिया जाना था। नर्सिंग फाइनल रिव्यू का भी कई महीने से नहीं आया।

एटीकेटी वाले ज्यादा परेशान
रिजल्ट के इंतजार में सबसे ज्यादा परेशान एटीकेटी वाले हैं। एक या दो विषय में फेल होने पर छात्र रिव्यू का आवेदन करते हैं। रिजल्ट आते-आते अगले सेमेस्टर की परीक्षा आ जाती है। ये छात्र मझधार में उलझे रहते हैं। इनसे परीक्षा फॉर्म के लिए शपथ-पत्र लिया जाता है कि रिव्यू में पास होने के बाद ही अगले सेमेस्टर की परीक्षा का रिजल्ट मान्य होगा।

हड़ताल और चुनावी ड्यूटी से भी असर
मार्च में यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों की करीब एक महीने हड़ताल के दौरान सभी परीक्षाएं टालना पड़ीं। परीक्षा विभाग के २२ कर्मचारियों की बीएलओ ड्यूटी लगाई गई है। इन्हें रिलीव कराने के लिए कुलपति को कलेक्टर से मुलाकात करना पड़ी। हाल ही में ९ कर्मचारियों को छोड़ा गया है। लीड कॉलेजों से कॉपी जंचवाने पर अफसरों का कहना है, बगैर तैयारी नई व्यवस्था लागू करने से मूल्यांकन विभाग व लीड कॉलेजों में तालमेल नहीं बन पाया। इससे रिजल्ट में देरी हो रही है।

बॉक्स
राजभवन के एकेडमिक कैलेंडर का पालन करने के निर्देश

कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने एकेडमिक कैलेंडर का पालन करने को कहा है। कुलपति ने आश्वस्त किया था, इस सत्र से इसका ध्यान रखा जाएगा, लेकिन पिछली परीक्षाओं के रिजल्ट अटकने से अगली परीक्षाएं नहीं हो पा रही हैं।
बीए, बीकॉम और बीएससी फस्र्ट इयर का मूल्यांकन पूरा हो चुका है। दूसरे और चौथे सेमेस्टर के बाद फस्र्ट इयर का रिजल्ट देंगे। कई कर्मचारी चुनावी ड्यूटी में लगे थे। हमें ९ कर्मचारी मिले हैं। सितंबर तक सभी रिजल्ट जारी करने की कोशिश है।
-प्रो. अशेष तिवारी, परीक्षा नियंत्रक

कर्मचारी हड़ताल से पहले तक परीक्षाएं समय पर हो रही थी। बैकलॉग क्लीयर करने में समय लग रहा है। प्रयास है, रिजल्ट जल्द जारी किए जाएं। लीड कॉलेजों से कॉपी जंचवाने की व्यवस्था बन चुकी है। आगामी परीक्षाओं के रिजल्ट समय पर मिलेंगे।
-प्रो. नरेंद्र धाकड़, कुलपति