22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कॉपियां गुमाई यूनिवर्सिटी ने, साल बिगड़ा छात्रों का

- 1 हजार विद्यार्थियों के रिजल्ट रोके- जुलाई से ही शुरू हो गई सेकंड ईयर की क्लास

2 min read
Google source verification

इंदौर

image

Amit Mandloi

Sep 25, 2018

इंदौर. देवी अहिल्या विवि के लिए बीए, बीकॉम और बीएससी फस्र्ट ईयर का रिजल्ट जारी करना चुनौती बना हुआ था। इस सप्ताह विवि ने ये रिजल्ट जारी कर भले ही राहत की सांस ली, लेकिन करीब एक हजार रिजल्ट विदहेल्ड कर दिए। सूत्रों के अनुसार इन छात्रों की कॉपियां नहीं मिलने से रिजल्ट रोके हैं। यानि रिजल्ट जारी होने के बावजूद फस्र्ट इयर अभी तो रेस्ट इयर ही बना हुआ है। पिछले सत्र से ही परंपरागत कोर्सेस में सेमेस्टर खत्म करते हुए दोबारा वार्षिक परीक्षा प्रणाली लागू हुई है। इसकी परीक्षाएं मार्च में होनी थी, लेकिन मई तक परीक्षा होती रही।

फेल छात्रों को आर्थिक नुकसान भी
रिजल्ट में लेट-लतीफी का खामियाजा फेल होने वालों या पूरक पाने वालों को ज्यादा उठाना पड़ा। अगले सत्र की शुरुआत होने से कॉलेजों ने इनसे सालाना फीस भी जमा करवा ली। फेल होने के बाद ये छात्र सेकंड इयर में नियमित नहीं रहेंगे। जमा हो चुकी फीस लौटाने का भी कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में इन छात्रों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ेगा।

एमपीसीए
अमय खुरासिया ने दो कमेटियों से दिया इस्तीफा, एक व्यक्ति एक पद नियम को आधार बनाकर लिया निर्णय

लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते इंदौर के पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर अमय खुरासिया ने एमपीसीए की दो कमेटियों से इस्तीफा दे दिया है। वे अब सिर्फ मप्र की इनडोर क्रिकेट एकेडमी के चीफ कोच की जिम्मेदारी निभाएंगे।सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीसीसीआई सहित सभी राज्य संगठनों में कोई भी व्यक्ति सिर्फ एक पद पर ही रह सकता है।

इसी आधार पर अमय ने यह निर्णय लिया। अमय ने सचिव मिलिंद कनमड़ीकर को ईमेल भेजकर क्रिकेट विकास समिति और कॉर्डीनेशन कमेटी से इस्तीफा दिया है। अमय के इस्तीफे से एमपीसीए की हालिया कार्यकारिणी के सभी सदस्यों के इस्तीफे की मांग उठने लगी है। सदस्य संजीव गुप्ता ने सभी पदाधिकारियों को पद पर रहने के अयोग्य बताते हुए उनसे इस्तीफे की मांग की है और इसकी शिकायत बीसीसीआइ और कोर्ट द्वारा गठित समिति को की है।

संजीव ने कारण भी बताया है कि सदस्य क्यों अयोग्य है। हालांकि एमपीसीए का कहना है कि १६ सितंबर को हुई इओजीएम में सदस्यों ने आपसी सहमति से हालिया कमेटी को अगले चुनाव कराने तक काम संभालने की जिम्मेदारी दी है, इसलिए उन्हें फिलहाल इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है। संजीव ने एमपीसीए की ड्र्रॉफ्ट कमेटी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सदस्यों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विपरित कई बिंदु नए संविधान में शामिल किए हैं।