
डीएवीवी ने मांगा 18 फीसदी जीएसटी, कॉलेज हैरान, अब करेंगे ये...
इंदौर. देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी ने सभी संबद्ध कॉलेजों को ताजा सत्र की संबद्धता शुल्क के साथ १८ फीसदी जीएसटी जमा कराने का आदेश जारी कर दिया है। इसके पीछे सेंट्रल एक्साइज के नोटिस का हवाला दिया गया है। इस आदेश से कॉलेज भी हैरान हैं और उन्होंने भी जीएसटी जमा नहीं करने का मन बनाते हुए कोर्ट जाने की तैयारी कर ली है। कॉलेजों का तर्क है कि संबद्धता शुल्क अब तक सर्विस टैक्स के दायरे में नहीं आ रहा था तो अचानक से जीएसटी के दायरे में कैसे आ गया। सेंट्रल एक्साइज ने यूनिवर्सिटी पर 2012 से 2017 की अवधि के लिए 4 करोड़ 71 लाख 216 रुपए के सर्विस टैक्स की रिकवरी निकाली है। ये टैक्स कॉलेजों से वसूली गई संबद्धता फीस पर लगाया गया।
यूनिवर्सिटी इस टैक्स का विरोध कर रही है। कार्यपरिषद में सेंट्रल एक्साइज के नोटिस को लेकर निर्णय हुआ कि इसे कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। दूसरी ओर, यूनिवर्सिटी ने हाथों हाथ ही कॉलेजों से जीएसटी जमा कराने का भी फैसला ले लिया। कॉलेजों को सत्र जारी किया है कि वे इस सत्र यानी 2018-19 से जो संबद्धता शुल्क जमा करा रहे हैं उस पर 18 फीसदी जीएसटी भी दें। ये जीएसटी सीट बढ़ोतरी, नवीनीकरण, निरंतरता पर लागू रहेगा। निजी के साथ-साथ सरकारी कॉलेजों के लिए भी जीएसटी जमा कराना अनिवार्य किया गया है।
हालांकि, ताजा सत्र के लिए कई कॉलेजों को संबद्धता जारी की जा चुकी है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि इन कॉलेजों से जीएसटी की भरपाई कैसे की जाएगी। इधर, कॉलेज भी जीएसटी जमा कराने के आदेश का विरोध कर रहे हैं। उनके अनुसार यूनिवर्सिटी ने जीएसटी थोंपने का फैसला करने में जल्दबाजी की है। अगर जीएसटी को लेकर सख्ती बरती गई तो हम भी यूनिवर्सिटी के खिलाफ कोर्ट जाएंगे।
- हम मानते है शैक्षणिक संस्थानों पर किसी तरह का जीएसटी नहीं लगता। पर, हमें सर्विस टैक्स का नोटिस मिला है। हम कोर्ट में इसे चुनौती दे रहे हैं। अगर फैसला हमारे पक्ष में नहीं आता तो बाद में कॉलेजों से ही इसकी भरपाई कराना होगी।
प्रो. नरेंद्र धाकड़, कुलपति, डीएवीवी
Published on:
24 Jul 2018 04:02 pm
बड़ी खबरें
View Allइंदौर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
