
वर्षों से अधूरा कपिल धारा का कुआं, अब तक नहीं मिली राशि
झिरन्या। आदिवासी बाहुल्य विकास खंड में भारी समस्याएं हैं, जिन्हें हल करने में अधिकारियों-कर्मचारियों की रुचि नहीं रहती। वे सीएम हेल्पलाइन की समस्याओं को सुलझाने से ज्यादा किसी भी तरीके से शिकायतों को बंद करवाने में अधिक रुचि लेते हैं। आज भी जनपद पंचायत में कई ग्रामीण एवं हितग्राही कोई कुटीर के लिए परेशान है तो कोई राशन नहीं मिलने से। कोई पेंशन तो कोई रोजगार आदि कारणों से जनपद व पंचायतों के चक्कर काट रहे हैं, परंतु सिस्टम अभी कुर्सी तक ही सीमित है। अधिकारियों की कार्रवाई निरर्थक साबित हो रही है और हितग्राही परेशान हो रहे हैं।
इसी प्रकार का एक मामला जनपद पंचायत झिरन्या की ग्राम पंचायत दामखेड़ा में देखने को मिला है। जहां के एक हितग्राही के कपिलधारा कूप स्वीकृति के बाद से निर्माण तक को लेकर दो बार सीएम हेल्पलाइन की मदद लेनी पड़ी। इसके बाद भी अधिकारियों व कर्मचारियों ने उक्त कुएं का निरीक्षण नहीं किया, जबकि शिकायत बंद करने के लिए दबाब जरूर बनाया गया। ग्राम पंचायत दामखेड़ा के संतोष पिता जसवंत जमरे ने बताया कि मेरा कपिलधारा कूप स्वीकृत हुआ था । जिसमें स्वीकृति से लेकर बनवाई तक मुझे थोड़े- थोड़े करके 2018 में मात्र 1 लाख 40 हजार प्राप्त हुए हैं। जब भी राशि आई तब-तब मैंने लोगों का कर्ज न देते हुए कुएं को पूरा करने में लगाई। 25 हाथ कुआं भी खोद दिया और उसको बंधवा भी दिया। उसके बाद भी अभी तक मुझे शेष राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है। पंचायत एवं जनपद के चक्कर काटे परंतु पंचायत ने एक भी रुपया नहीं डाला। हताश होकर मैंने डबल से सीएम हेल्पलाइन की मदद ली। अब शेष राशि के लिए फिर वह पंचायत व जनपद के चक्कर काट रहा हूं। अब फिर से 181 पर शिकायत कर कुएं का निरीक्षण कर पूर्ण राशि जारी करने की मांग की है।
Published on:
11 Jan 2023 11:15 am
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