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प्रदेश में सबसे अधिक सालभर में बिके 1.5 लाख वाहन

नोटबंदी और जीएसटी जैसे कड़े फैसलों का शहर में रफ्तार के शौक पर कोई असर देखने को नहीं मिला।

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इंदौर. नोटबंदी और जीएसटी जैसे कड़े फैसलों का शहर में रफ्तार के शौक पर कोई असर देखने को नहीं मिला।
गाडि़यों के शौकिनों ने पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष ज्यादा वाहन खरीदे। पूरे साल में छोटे-बड़े मिलाकर करीब डेढ़ लाख से ज्यादा वाहन खरीदे गए। इनमें सबसे ज्यादा इजाफा कार खरीदी में हुआ है। लोगों ने कार की सवारी को पहली पसंद मानते हुए कारों की खरीदी में खासी दिलचस्पी दिखाई है। इसके अलावा दो पहिया वाहनों की खरीदी को लेकर भी खासा क्रेज देखने को मिला है। खास बात यह रही कि माइलेज बाइक की जगह लोगों ने स्पोर्ट्स बाइक या फिर तेज रफ्तार बाइकों पर ज्यादा भरोसा दिखाया है। वाहनों की बिक्री में हुई खासी बढ़त को लेकर इस बार बीएस३ मॉडल की गाडि़यों पर लगी रोक भी बड़ा कारण रहा।

कुछ घंटों में बिके हजारों वाहन : बीएस-3 वाहनों पर रोक को देखते हुए वाहन कंपनियों ने दो पहिया वाहनों पर 10 से 25 हजार तक डिस्काउंट दिया था। वहीं बड़े कमर्शियल वाहनों पर यह डिस्काउंट लाखों में था। इस कारण कुछ ही घंटों में तीन हजार से ज्यादा वाहन बिक गए। इस दौरान शहर में 30 और 31 मार्च को शहर के छोटे-बड़े ऑटोमोबाइल शोरूम से करीब ३ हजार से ज्यादा वाहन कुछ ही घंटों में बिक गए थे।

अक्टूबर-नवंबर में बिके २१ हजार वाहन : बात सिर्फ माह अक्टूबर और नवंबर की करें तो इन दो माह में ही करीब २१ हजार से ज्यादा वाहनों की बिक्री हुई है। दशहरे और दीवाली के चलते इस बार ज्यादा लोगों ने इन दो माह में ही वाहन खरीदी की है। परिवहन विभाग से मिले आकड़ों के मुताबिक इन दो माह में २१ हजार ४७३ वाहनों की बिक्री शोरूमों से हुई है। इनमें १७ हजार ९५९ तो सिर्फ दोपहिया वाहन थे, जबकि कारों की संख्या करीब ३ हजार ८७ रही है।

रिकॉर्ड बिक्री
इस वर्ष इंदौर में वाहनों की रिकॉर्ड बिक्री हुई है। शहर में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा वाहन इंदौर में खरीदे जा रहे हैं। आने वाले वर्ष में इस संख्या के ज्यादा बढऩे की उम्मीद है।
डॉ. एमपी सिंह, आरटीओ