बैठक में संभाग के 56 सामुदायिक केंद्रों की भी समीक्षा हुई। इसमें झाबुआ, थांदला, आलीराजपुर, जोबट, खंडवा के मंूदी, आलीराजपुर के शाहपुर सामुदायिक केंद्रों की पोल खुल गई। पता चला, जिस सुरक्षित प्रसव के लिए सरकार गर्भवती को अस्पतालों तक लाने के लिए कह रही है, वही अस्पताल अपने यहां सिजेरियन की व्यवस्था करने में असमर्थ हैं। डॉ. पंडित उस समय हैरत में पड़ गए, जब उन्हें पता चला देपालपुर सामुदायिक अस्पताल में भी सिजेरियन डिलीवरी नहीं हो पा रही है। उन्होंने तत्काल व्यवस्था बनाने के लिए कहा।