
पत्रिका नेटवर्क
इंदौर. देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के मूल्यांकन केंद्र पर ओएसडी के रजिस्टर से कोरी कॉपियां मिलने के मामले में यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने जांच शुरू कर दी है। अगर इसमें गड़बड़ी पाई जाती है तो यूनिवर्सिटी द्वारा पुलिस रिपोर्ट कराई जाएगी। गौरतलब है की इस मामले में यूनिवर्सिटी के लोगो में अलग अलग मत बन चुके थे। कुलपति चाहते थे कि मामले की जांच पुलिस द्वारा करवाई जाये लेकिन यूनिवर्सिटी प्रबंधन अपने स्तर पर मामले की जाँच करना चाहता था। गोपनीय विभाग ने उस कॉलेज से कॉपियों का रिकॉर्ड तलब किया है, जिसकी सील कॉपियों पर लगी थी। सूत्रों के अनुसार मामले में मूल्यांकन केंद्र पर सक्रिय बड़े रैकेट का भी खुलासा हो सकता है।
कुलपति प्रो. नरेंद्र धाकड़ ने मामले में मूल्यांकन केंद्र प्रभारी डॉ. राजेंद्रसिंह को पुलिस रिपोर्ट कराने का आदेश दिया था, लेकिन चार दिन बाद भी रिपोर्ट नहीं कराई गई। बताया जा रहा है, यूनिवर्सिटी पहले अपने स्तर पर जांच करना चाहती है। मामले में गोपनीय विभाग ने ओएसडी राघव जायसवाल से मूल्यांकन केंद्र का काम छीनते हुए उन्हें कार्यमुक्त कर दिया है। उनकी जगह दूसरे प्रोफेसर को जिम्मा सौंप दिया है। जायसवाल के रजिस्टर में सेंधवा के सरकारी कॉलेज की सील लगी कॉपियां मिली थीं। विभाग ने सेंधवा कॉलेज में हुई परीक्षा की एक-एक कॉपी के साथ कोरी कॉपियों के रिकॉर्ड के साथ प्राचार्य को तलब किया है। पता लगाया जाएगा, कॉपियां कॉलेज से मूल्यांकन केंद्र कैसे पहुंचीं?
जानकारी छिपाने से गहराया शक
मूल्यांकन केंद्र पर कोरी कॉपियां मिलने की जानकारी गोपनीय विभाग को नहीं भिजवाई गई। शंका जताई जा रही है, इस गड़बड़ी में एक से ज्यादा ओएसडी व अन्य जिम्मेदार भी शामिल हैं, इसलिए जांच को दबाने की कोशिश की गई। गोपनीय विभाग की डिप्टी रजिस्ट्रार रचना ठाकुर ने ओएसडी को फिलहाल कोई काम नहीं सौंपने का आदेश जारी कर मूल्यांकन केंद्र प्रभारी पर भी नाराजगी जताई। कुलपति प्रो. धाकड़ का कहना है, जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ पुलिस रिपोर्ट कराई जाएगी।
Published on:
20 Jan 2018 10:23 am
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