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26 राज्यों में फैली होलकर घराने की संपत्तियां फिर सुर्खियों में, जानिए क्या है खासगी ट्रस्ट

होलकर घराने की संपत्तियां बेचने वालों को होगी जांच, कई बड़े अफसर भी आएंगे घेरे में

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इंदौर

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Manish Geete

Oct 07, 2020

 Khasgi Devi Ahilyabai Holkar Charitable Trust

26 राज्यों में फैली होलकर घराने की संपत्तियां फिर सुर्खियों में, जानिए क्या है खासगी ट्रस्ट

इंदौर/भोपाल। होलकर घराने की संपत्तियों को लेकर बने खासगी ट्रस्ट एक बार फिर सुर्खियों में है। हाईकोर्ट की इंदौर बेंच के आदेश के बाद खासगी ट्रस्ट की ओर से होलकर वंश की बेची गई संपत्तियों को वापस लेने की पहल राज्य सरकार ने शुरू कर दी है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खासगी ट्रस्ट की अनियमितताओं के बारे में इओडब्ल्यू ( EOW ) को जांच के भी निर्देश दिए हैं।मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग में पृथक समिति गठित करने के आदेश भी दिए हैं, जो इन संपत्तियों का रखरखाव और निगरानी करेगी। मुख्यमंत्री के निर्देश के मुताबिक हर परिस्थिति में संपत्ति वापस लेकर जरूरी कार्रवाई करनी होगी। इस संबंध में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी विवेक जौहरी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री मनीष रस्तोगी, विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी मकरंद देऊस्कर व महानिदेशक ईओडब्ल्यू राजीव टंडन की मीटिंग भी हो चुकी है।

क्या कहा हाईकोर्ट ने

मध्यप्रदेश के बहुचर्चित खासगी ट्रस्ट ( The Khasgi Trust ) के ऊपर लगे प्रदेश की संपत्ति बेचने के आरोप को लेकर इंदौर हाईकोर्ट की बेंच ने हाल ही में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि होलकर राज्य के पूर्व शासक महाराजा यशवंत राव होलकर की संपत्ति मध्यप्रदेश राज्य की है। खासगी ट्रस्ट को संपत्तियां बेचने का कोई अधिकार नहीं है। ट्रस्ट ने देखभाल के बजाय जमीनों को कौड़ियों के दाम में बेंच दिया, जिस पर अब हाईकोर्ट ने जांच कमेटी का गठन करते हुए जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही उन्होंने कहा है कि 25 से ज्यादा राज्यों की 250 से ज्यादा संपत्तियों को अब प्रदेश शासन को दे दिया गया है। हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव, वित्त विभाग के प्रमुख सचिव, संभागायुक्त और कलेक्टर की कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए गए हैं।

क्या है खासगी ट्रस्ट

खासगी ट्रस्ट असल में मध्यप्रदेश सरकार और जनता की ऐतिहासिक जमीन की देखरेख करने वाली संस्था है। इसे प्रदेश सरकार ने पुरातन जमीनों की देखरेख की जिम्मेदारी दी थी। खासगी ट्रस्ट के पास कुल 246 संपत्तियों की जिम्मेदारी थी, जिनमें से 138 मंदिर, 18 धर्मशालाएं, 34 घाट, 12 छतरियां, 24 बगीचे और कुंड शामिल हैं। ये संपत्तियां देश के विभिन्न राज्यों में है। इनमें से ज्यादातर संपत्तियों को बेचे जाने और उन पर अवैध निर्माण का मामला सामने आया है।

इसकी शिकायत पहली बार 2012 में की गई थी। जिसके बाद इस मामले में जांच की मांग उठी। इस पर अब हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए इओडब्ल्यू की जांच के आदेश दिए गए हैं, जिसे शिवराज सरकार ने भी स्वीकार करते हुए फैसले का सम्मान किया है।

ऐसी हुई गड़बड़ियां

-इंदौर की देवी अहिल्या बाई होलकर ( Devi Ahilyabai Holkar ) ने जिले के हातोद में 52 बावड़ियों का निर्माण करवाया था, जिनमें से अधिकतर बिल्डिंग्स और कुंडों के आधिकारिक कागजों में से इनके असली मालिक का नाम ही हटा दिया गया।

-खासगी ट्रस्ट के नाम से इंदौर जिले के देपालपुर में स्थित मंगलेश्वर महादेव मंदिर की जमीन पर कब्जा कर प्राइवेट कालोनी का निर्माण किया जा चुका है।

-फिल्मों की शूटिंग के लिए मशहूर हुए महेश्वर में पहाड़ी पर स्थित कालेश्वर महादेव मंदिर की जमीन पर कब्जा कर पहाड़ी के नीचे एक व्यक्ति ने होटल बना दिया।

यह है ट्रस्ट का इतिहास

यहां है प्रापर्टी

बनारस में 21 प्रापर्टी, अयोध्या में 3, नेमिषारण्य में 2, इलाहाबाद में 4, हरिद्वार और ऋषिकेश में 3, पुष्कर में 3, ओंकारेश्वर में 12, पंढरपुर में 4, चौंढ़ी में 5, कोंकण में 1, रामेश्वर में 3, वृंदावन 1, बुरहानपुर में 1, त्रिंबकेश्वर में 1, अमरकंटक में 2, नासिक में 2, चांदबड़ वाफगांव में 2, संबलग्राम में 1, इंदौर के पास महेश्वर छत्री में 67, पुअर हाउस में 5, इंदौर शहर में 30, मनासा और रामपुरा में 12, आलमपुर और तराना में 9, महेश्वर में 5 और भानपुर में 21 संपत्तियां हैं। इनके सहित अरबों की करीब 30 संपत्तियां खासगी ट्रस्ट में शामिल हैं।