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महू से मैदान में डॉ. आनंद राय, जयस से जमीन बनाने में जुटे

आदिवासी वोट बैंक देखकर चुनी विधानसभा

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महू से मैदान में डॉ. आनंद राय, जयस से जमीन बनाने में जुटे

महू से मैदान में डॉ. आनंद राय, जयस से जमीन बनाने में जुटे

इंदौर। कभी विसल ब्लोअर की पहचान रखने वाले डॉ. आनंद राय महू विधानसभा से भाग्य आजमाने की तैयारियां कर रहे हैं। जयस के जरिए वे अपनी जमीन तैयार कर रहे हैं, क्योंकि यहां बड़ा आदिवासी वोट बैंक है जो विधानसभा चुनाव के परिणाम पर सीधा सीधा असर डालता है। इधर, पिछले चुनाव की तरह कांग्रेस और जयस संगठन के बीच टिकट का तालमेल हुआ तो उनकी बल्ले-बल्ले भी हो सकती है।

मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने डॉ. आनंद राय की सेवाएं समाप्त कर दी हैं । उनके खिलाफ सरकार विरोधी गतिविधियों के संचालन का आरोप है। हालांकि डॉ. राय पिछले कुछ वर्षों से जयस संगठन को खड़ा करने का काम कर रहे हैं। कई बड़े आंदोलन में उनकी अहम भूमिका रही है। झाबुआ के सांसद के काफिले में हमला करने के मामले में उनके खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था जिसमें उन्हें जेल रहकर आना पड़ा। छूटने के बाद से वे लगातार जयस के लिए फिर से सक्रिय हैं।

उनकी निगाह अब महू विधानसभा पर टिक गई है। जयस संगठन के जरिए वे अब अपनी जमीन क्षेत्र में तैयार कर रहे हैं। लगातार दौरा करने के साथ में वे टंट्या मामा के आयोजनों के जरिए महू के आदिवासी समाज में दस्तक देने का कोई मौका नहीं चूकते हैं। महू में बड़ी संख्या में आदिवासी युवा उनके साथ जुड़े हुए हैं। पिछले दिनों आदिवासी युवती की मौत के मामले में भी पुलिस को आशंका है कि डॉ. आनंद राय के इशारों पर ही सभी गांव वालों को एक जुट किया गया था। इसके अलावा वे लगातार जयस के माध्यम से क्षेत्र का दौरा भी कर रहे हैं।

हो सकती है बल्ले-बल्ले
पिछले चुनाव में जयस संगठन काफी छोटा था, लेकिन इस बार उसका स्वरूप काफी बढ़ गया है। जिला पंचायत के चुनाव में संगठन ने अच्छे झंडे गाड़े। 25 जिला पंचायत सदस्य तो 100 के करीब जनपदों में उनके सदस्य चुने गए। इसके अलावा बड़ी संख्या में सरपंच भी काबिज हुए हैं। धार, झाबुआ, आलीराजपुर, बड़वानी, खंडवा और खरगोन जिले में बड़ी संख्या में आदिवासी समाज रहता है।
ये मालवा-निमाड़ हो गया। जयस का प्रभाव अब टिमरनी, सेलानी व बैतूल में भी हो गया। संभावना है कि कांग्रेस पिछले चुनाव की तरह इस बार भी जयस को कुछ टिकट दे सकती है, क्योंकि पिछले तीन चुनाव से कांग्रेस को यहां से हार का मुंह देखना पड़ रहा है। ऐसा हुआ तो डॉ.राय की बल्ले-बल्ले हो सकती है। महू के 170 गांवों में जयस ने अपना संगठन खड़ा कर लिया है।

कांग्रेस में है मजबूत पकड़
डॉ. राय की जयस संगठन के साथ कांग्रेस में भी मजबूत पकड़ है। 2018 के विधानसभा चुनाव में उनका नाम दिग्विजसिंह ने पांच नंबर विधानसभा के लिए रखा था। हालांकि बाद में सत्यनारायण पटेल को टिकट दिया गया। बताते हैं कि सिंह इस बार डॉ. राय का नाम पूरी ताकत से रखेंगे।