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Election Result 2024: इतिहास रच सकता है ‘अक्षय कांति बम कांड’, ‘इंदौर सीट’ देश में मचाएगी तहलका !

lok sabha election result 2024: मालवा-निमाड़ की राजनीति के केंद्र में है इंदौर लोकसभा सीट, इस बार के परिणाम पर देशभर की निगाह, 35 साल से है भाजपा का कब्जा

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2024 lok sabha election results

2024 lok sabha election results

Indore Lok Sabha Seat: लोकसभा चुनाव की मतगणना मंगलवार को होनी है और इंदौर लोकसभा सीट के परिणाम (Election Results 2024) पर पूरे देश की निगाह है। कांग्रेस विहीन चुनाव में 15.63 लाख मतदान से भाजपा की प्रचंड जीत का अनुमान लगाया जा रहा है। यह जीत देशभर में सबसे बड़ी भी हो सकती है। दूसरी ओर, कांग्रेस ने नोटा का समर्थन किया था, जिससे यह भी माना जा रहा है कि 543 सीटों में से सबसे ज्यादा नोटा को वोट इंदौर में मिल सकते हैं।

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5.47 लाख वोटों से जीती थी भाजपा (Election Results 2024)

पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा 5.47 लाख वोटों से जीती थी। चुनाव शुरू होते ही भाजपा नेता आठ लाख से जीत का दावा कर रहे थे। 29 अप्रेल को कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने नाम वापस लेकर भाजपा की सदस्यता ले ली और चुनाव एकतरफा हो गया। कांग्रेस ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए नोटा का बटन दबाने का प्रचार किया। आशंका थी कि नीरस हो चुके चुनाव में मतदान कम होगा, लेकिन 15 लाख 58 हजार 343 मतदाताओं ने बूथ पर पहुंचकर उपस्थिति दर्ज कराई।

इसके अलावा 2699 मतदाता 85 वर्ष से अधिक उम्र के व दिव्यांग थे, जिन्होंने घर से वोट डाला। 1379 कर्मचारियों व 460 सर्विस वोटर ने मताधिकार का उपयोग किया। ये आंकड़ा बढ़ सकता है, क्योंकि चार जून को सुबह आठ बजे तक आने वाले मतों को मान्य किया जाएगा। उधर, भाजपा और कांग्रेस के अपने-अपने दावे हैं। भाजपा देश में सबसे ज्यादा वोटों से जीतने वाली सीट इंदौर को मान रही है तो कांग्रेस की वजह से नोटा भी सर्वोच्च अंक प्राप्त कर सकता है।

ये है अनुमान का समीकरण (Election Results equation )

भाजपा नेताओं का मानना है कि इंदौर में कुल मतदान 15.63 लाख हुआ। इसमें से 10 फीसदी वोट नोटा को मिलेंगे। ऐसा हुआ तो 1.56 लाख वोट नोटा को मिल सकते हैं। 50 हजार के अंतर से सभी 13 प्रत्याशियों को वोट मिलेंगे, जिसमें सबसे ज्यादा 25 हजार वोट बसपा प्रत्याशी संजय सोलंकी को भी दिए जाएं तो भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी को 13 लाख 57 हजार वोट मिलेंगे। इस हिसाब से 13 लाख 31 हजार 881 वोटों से जीत होगी।

नोटा या बसपा के वोट कम होंगे तो लालवानी की लीड बढ़ेगी। मालूम हो, इंदौर लोकसभा सीट पर भाजपा का 35 साल से कब्जा है। 1989 में सुमित्रा महाजन पहली बार चुनाव जीती थीं। उन्होंने कांग्रेस के प्रकाशचंद्र सेठी को हराया था। इसके बाद वे 8 बार लोकसभा सदस्य रहीं। मौजूदा सांसद लालवानी दूसरी बार भाग्य आजमा रहे हैं। इस बार जीत के साथ भाजपा का दसवीं बार इंदौर पर कब्जा हो जाएगा।

2019 में था गुजरात के नाम रेकॉर्ड

पिछले लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा वोटों से चुनाव जीतने का रेकॉर्ड गुजरात की नवसारी सीट से आरएस पटेल के नाम था। 6.89 लाख वोटों से उन्होंने जीत दर्ज की थी। दूसरे नंबर पर हरियाणा की करनाल सीट से संजय भाटिया ने 6.56 लाख तो तीसरे नंबर पर फरीदाबाद से कृष्ण पाल ने 6.38 लाख से जीत का रेकॉर्ड बनाया था।

बड़े नेताओं की दूरी, फिर भी उम्मीद बड़ी

मालवा-निमाड़ की राजनीति का केंद्र माने जाने वाली इंदौर से कांग्रेस और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने दूरी बना ली थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झाबुआ, धार, खरगोन में दौरे किए, लेकिन इंदौर में प्रचार नहीं किया। एक दशक में ये पहला मौका था, जब बड़े चुनाव में उनकी न तो कोई सभा हुई और न रोड शो हुआ।