
कान्हा टाइगर रिजर्व, भारत के प्रसिद्ध टाइगर रिजर्व में से एक है। इस टाइगर रिजर्व को कान्हा-किसली नेशनल पार्क के नाम से भी जाना जाता है। यह मध्य प्रदेश राज्य का सबसे बड़ा नेशनल पार्क है। कान्हा टाइगर रिजर्व दो संरक्षित क्षेत्र हॉलन ( 250 वर्ग किमी ) और बंजार ( 300 वर्ग किमी ) में विभाजित है। कान्हा नेशनल पार्क को 1879 में आरक्षित वन के रूप में घोषित किया गया था और 1 जून 1933 में एक वाइल्डलाइफ सेंचुरी के रूप में घोषित किया गया।
बाद में 1955 में इसे नेशनल पार्क में अपग्रेड किया गया और 1973 में इसे टाइगर रिजर्व घोषित किया गया। वर्तमान में यह टाइगर रिजर्व मंडला और बालाघाट के ( 940 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है।
कान्हा नेशनल पार्क के घने जंगल और आसपास के सुंदर घास के मैदान प्रकृति प्रेमियों के लिए शानदार स्थल है। इस घने जंगल के बीच बहती हुई कई धाराएं और झरने इस नेशनल पार्क के भूमि को और भी सुंदर और मनमोहक बनाते हैं। इस नेशनल पार्क के जीवंत भूमि द जंगल बुक के सिद्ध लेखक रुड्यार्ड किपलिंग के लिए प्रेरणा का स्रोत रही है।
टाइगर रिजर्व के बारे में कुछ रोचक तथ्य
-कान्हा नेशनल पार्क मध्यप्रदेश में सबसे अधिक देखे जाने वाले वन्य जीव या स्थलों में से एक है। यह मध्य प्रदेश राज्य के 2 जिलों को कवर करता है।
-भारत के अरुणाचल राज्य और पश्चिम बंगाल राज्य हिरणों के लुप्तप्राय प्रजाति बारहसिंघा को बचाने में कड़ी मेहनत कर रहे थे लेकिन वे असफल रहे। उसी समय कान्हा नेशनल पार्क एक आशा की किरण लेकर आए, जिसने लुप्तप्राय बारहसिंघा को विलुप्त होने से बचाया।
-जैव विविधता व भौगोलिक विविधता में भी समृद्ध है। यही कारण है कि इस पार्क में विभिन्न प्रकार के जानवर फल फूल रहे हैं।
-जंगली कुत्तों में से सबसे आक्रामक प्रजातियां, जिसे ढोल के नाम से जाना जाता है, यह पार्क इनका रक्षक है। यह एक लुप्तप्राय भारतीय प्रजाति है।
-बाघों कि भूमि कान्हा नेशनल पार्क में बनी फिल्म 1980 में नेशनल ज्योग्राफिक के लिए बनाई गई एक पुरस्कार विजेता फिल्म है।
Updated on:
23 Apr 2022 05:35 pm
Published on:
23 Apr 2022 05:33 pm
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