
मेडिकल कॉलेजों के लिए सफेद हाथी बने फेल होने वाले छात्र
इंदौर.
बार-बार परीक्षा में फेल हो रहे मेडिकल छात्र अब कॉलेजों के लिए सफेद हाथी साबित हो रहे है। इस बार डीएवीवी ने इनकी परीक्षा कराने से हाथ खड़े कर दिए। यूनिवर्सिटी ने स्पष्ट किया है कि अब मेडिकल के किसी भी कोर्स की परीक्षा तब ही कराई जा सकेगी जब कॉलेज डीएवीवी को संबद्धता शुल्क दें। इधर, कॉलेजों का कहना है कि वे जबलपुर की मेडिकल यूनिवर्सिटी से संबद्धता हासिल कर रहे है इसलिए दोबारा शुल्क देने का सवाल नहीं उठता।
मालूम हो, प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटी से संबद्ध मेडिकल कॉलेजों के कोर्स जबलपुर की मेडिकल यूनिवर्सिटी में शिफ्ट किए जा चुके है। इनमें एमबीबीएस, बीडीएस, बीपीटी, नर्सिंग, बीओटी, बीएचएमएस, बीएएमएस, बीयूएमएस आदि कोर्स शामिल है। चार साल पहले डीएवीवी से संबद्ध सभी मेडिकल कॉलेज भी जबलपुर यूनिवर्सिटी से जुड़े। इसके साथ ही डीएवीवी में जिन छात्रों का नामांकन था वे भी जबलपुर शिफ्ट कर दिए गए। इस फैसले को लेकर तब भारी हंगामा हुआ। छात्रों की मांग थी कि उन्होंने डीएवीवी में ही दाखिला लिया है इसलिए यही से डिग्री पूरी करने का मौका मिलना चाहिए। इस पर डीएवीवी ने सिर्फ उन्हीं विद्यार्थियों की परीक्षा कराने का निर्णय लिया जिनके नामांकन हो चुके है। उम्मीद जताई जा रही थी कि दो से तीन साल में ये सभी विद्यार्थी अपनी डिग्री पूरी कर लेंगे। मेडिकल परीक्षाओं में इनमें से कुछ विद्यार्थी लगातार फेल हो रहे है। गिनती के इन छात्रों के लिए डीएवीवी को भी बार-बार परीक्षा कराना पड़ रही है। यूनिवर्सिटी ने अब जो फैसला लिया है उससे कॉलेजों की परेशानी बढ़ गई। अब से सिर्फ उन्हीं कॉलेज के विद्यार्थियों की परीक्षा कराई जाएगी जो डीएवीवी को संबद्धता शुल्क जमा करेंगे। यह प्रस्ताव विद्या परिषद और कार्यपरिषद में भी मंजूर हो चुका है।
15 कॉलेजों के करीब 250 विद्यार्थी प्रभावित
संबद्धता शुल्क को लेकर जारी फरमान से डीएवीवी के दायरे में आने वाले 15 कॉलेजों के करीब 250 छात्र-छात्राएं सीधे तौर पर प्रभावित होते नजर आ रहे है। कॉलेजों से संबद्धता शुल्क नहीं मिलने के कारण डीएवीवी ने जून में प्रस्तावित परीक्षाओं के टाइम-टेबल भी अभी तक जारी नहीं किए।
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मेडिकल के कुछ विद्यार्थी लगातार फेल हो रहे है। मेडिकल यूनिवर्सिटी में शिफ्ट हो रहे कॉलेज अभी डीएवीवी को संबद्धता शुल्क नहीं दे रहे है। बार-बार की परीक्षा में हो रहे खर्च के कारण अब डीएवीवी ने भी इन कॉलेजों से संबद्धता शुल्क लेने का निर्णय लिया है।
- आरके बघेल, डिप्टी रजिस्ट्रार, डीएवीवी
Published on:
02 Jun 2022 06:43 pm
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