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पति को मारती थी ताना – ऐसे गरीब भिखारी के साथ कौन रहेगा, कोर्ट ने मंजूर किया तलाक, कहा- ये तो क्रूरता है…

वह पति से अलग होकर मायके चली गई तो परेशान होकर पति ने तलाक की अर्जी कोर्ट में लगा दी।

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इंदौर

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Hussain Ali

Aug 03, 2019

indore

पति को कहती थी ऐसे गरीब भिखारी के साथ कौन रहेगा, कोर्ट ने मंजूर किया तलाक, कहा- ये तो क्रूरता है...

इंदौर. पति को कम वेतन के लिए बीवी बार-बार ताना मारती थी। उसने तो यहां तक कह दिया कि तुम जैसे गरीब, दरिद्र, भिखारी के साथ कौन रहेगा? वह पति से अलग होकर मायके चली गई तो परेशान होकर पति ने तलाक की अर्जी कोर्ट में लगा दी। कोर्ट ने भी माना ये कि क्रूरता की क्षेणी में आता है और तलाक को मंजूरी दे दी।

साईंकृपा कॉलोनी निवासी पल्लव बापट की शादी 24 दिसंबर 2012 को लातूर महाराष्ट्र निवासी माधुरी के साथ हुई थी। पल्लव ने अपनी आर्थिक स्थिति माधुरी और उसके परिजन को पहले ही बता दी थी, लेकिन शादी के कुछ दिन बाद उन लोगों ने पल्लव को प्रताडि़त करना शुरू कर दिया। माधुरी के परिजन चाहते थे कि पल्लव अपनी पत्नी के साथ पुणे शिफ्ट हो जाए, लेकिन उसने वृद्ध माता-पिता का हवाला देकर इनकार कर दिया। इससे नाराज पत्नी गरीबी का उलाहना देने लगी। वह कहती थी कि तुम्हारी तनख्वाह बहुत कम है। इतने पैसों में मेरा गुजारा संभव नहीं है। वह अकसर पल्लव को गरीब, दरिद्र और भिखारी कहते हुए सवाल उठाती थी कि ऐसे व्यक्ति के साथ कौन रहेगा। 15 मार्च 2015 को वह मां और भाई के साथ इंदौर से अपने मायके चली गई और इसके बाद लौटी ही नहीं।

कुटुम्ब न्यायालय में लगाई गुहार

पल्लव ने एडवोकेट अचला जोशी के माध्यम से कुटुम्ब न्यायालय में माधुरी से तलाक के लिए गुहार लगाई। एडवोकेट जोशी ने अपनी बात के समर्थन में न्याय दृष्टांत प्रस्तुत कर तर्क रखा कि पत्नी द्वारा पति को मानसिक रूप से प्रताडि़त करना भी क्रूरता की श्रेणी में आता है। द्वितीय अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश रेणुका कंचन ने पल्लव की तरफ से तलाक के लिए आया आवेदन स्वीकारते हुए माना कि पति को कम तनख्वाह का उलाहना देना एक तरह की क्रूरता है