
एग्जाम के लिए फॉलो करें ये आसान टिप्स, रिजल्ट और कॉन्फिडेंस में दिखेगा असर
इंदौर. क्रिएट स्टोरीज द्वारा ‘आसान है’ कार्यक्रम का आयोजन एक निजी स्कूल में किया गया। क्रिएट स्टोरीज के दीपक शर्मा ने कहा, इस कार्यक्रम के जरिए यह बताया गया कि परीक्षा के समय होने वाले तनाव को बच्चे और पैरेंट्स कैसे हैंडल करें। न्यूरो साइकेट्रिस्ट डॉ. पवन राठी ने बच्चों को टिप्स दिए। उन्होंने कहा, एग्जाम में जाने से पहले बच्चे को दुलार करिए, बच्चा रिलैक्स होकर और खुश होकर एग्जाम देने जाएगा, तो उसका कॉन्फिडेंस लेवल व खुद पर भरोसा बना रहेगा। उन्होंने कहा, पैरेंट्स को समझना चाहिए कि परीक्षा उनके बच्चे की सालभर की मेहनत का प्रूफ नहीं है। यही बात उन्हें बच्चों को समझानी होगी।
उन्होंने कहा, बच्चों को प्यार करें, उन्हें समझें, उनसे दोस्ती करें। यकीन मानें बच्चों से अच्छा और सच्चा दोस्त आपको कहीं नहीं मिलेगा। आज हम बच्चों से प्यार करेंगे तो वही सीखकर वे दुनिया से प्यार करेंगे। पैरेंट्स बच्चों को किसी से कंपेयर न करें। उनको बार-बार टोकना बंद करें। टोकने की बजाए उनके अच्छे मित्र बनकर उनकी परेशानी को समझें एवं बच्चों को सपोर्ट करें। यदि बच्चे के नेचर में कुछ बदलाव दिखे तो समझ जाएं कि वह किसी बात से परेशान है।
परीक्षा के समय डाइट
परीक्षा के वक्त जरूरी है कि बच्चों की डाइट बैलेंस्ड रहे व प्रोटीन अच्छे से प्राप्त हो। बच्चे पूरा खाना खाएं। जैसे- दाल, रोटी, हरी सब्जी, दही, फ्रूट्स, सलाद, चावल आदि। बच्चों को एग्जाम टाइम पर डेरी प्रोडक्ट भी जरूर देना चाहिए। डेरी प्रोडक्ट से ‘सेरोटोनिन हॉर्मोन’ एक्टिव होता है, जिससे बच्चों में चिंता कम होती है। एग्जाम टाइम में बच्चों को गुड़ जरूर खिलाएं। गुड़ से तुरंत एनर्जी मिलती है।
एग्जाम की तैयारी के लिए टिप्स
- अपनी पढ़ाई प्लान कर के चलें। अपने कमजोर विषय पर ज्यदा काम करें क्योंकि फेल होना ज्यादा बुरा है, दूसरे विषय से थोड़े माक्र्स कम आने की तुलना में।
- एग्जाम के पहले रुचि के लिए नहीं, एग्जाम के हिसाब से पढ़ें। रिवाइज उस तरीके से करें जो सालभर आप अपनाते आए हैं।
- अपने स्टडी के वातावरण में बदलाव न करें, क्योंकि हमें जो आदत होती है, हमारा मन भी वहीं लगता है।
- छह से आठ घंटे की नींद जरूर लें। 45 मिनट्स का एक सेशन होना चाहिए, फिर 5 मिनट का ब्रेक। ऐसे 3 सेशन के बाद 30 मिनट का ब्रेक लें। इस ब्रेक में मूवी न देखें, क्योंकि इससे हमें आगे देखने की इच्छा होगी और कॉन्संट्रेशन बिगड़ेगा। इसके बजाय थोड़ी फिजिकल एक्टिविटी करें।
- ब्रेक में बैठकर पैरेंट्स से बातें करें, जोक्स सुनाकर उनके साथ हंसें। कुछ तकलीफ हो तो उन्हें बिना डरे शेयर करें।
Published on:
04 Jan 2019 12:52 pm
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