
gaurav divas : दो हिस्सों में बंटा इंदौर
gaurav divas : मुख्यमंत्री की मंशानुरूप इंदौर का नगर गौरव दिवस (सिटी-डे) मनाने के लिए शनिवार को शहर के जनप्रतिनिधि, प्रबुद्धजन, धर्मगुरु व संस्थाओं के प्रमुख एकत्रित हुए। लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की अगुआई में हुई इस बैठक में जनप्रतिनिधियों ने इंदौर गौरव दिवस लोकमाता अहिल्या के जन्मदिन 31 मई को मनाने की पैरवी की, लेकिन प्रबुद्धजनों ने तर्क रखा कि अहिल्या माता शहर का गौरव हैं, लेकिन इस दिन को मनाने के उद्देश्य को देखते हुए शहर को गौरवान्वित करने वालों को नजर अंदाज नहीं किया जाए। लोकमाता अहिल्या व होलकर्स ने शहर को स्थापित कर गौरव बढ़ाया, लेकिन ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने भी इंदौर को पहचान दी है। कुछ गणमान्य ने अन्य तारीखों का सुझाव दिया।
जनसदन का रूख देखते हुए महाजन ने कहा, अभी 31 मई की तारीख पर सहमति बनाना जल्दबाजी होगी। सभी तथ्य, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, सरकार के तय मानकों पर इन विचारों को देख लें। अहिल्या माता से जुड़ी अन्य तारीख या स्थापना और विकास से जुड़ी अन्य तारीखों पर भी विचार कर निर्णय लें। इसके लिए 4 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। इसमें सांसद, आइडीए अध्यक्ष, कलेक्टर व निगमायुक्त हैं। कमेटी तथ्यों का परीक्षण कर सरकार को प्रस्ताव भेजेगी। एआइसीटीएसएल सभागृह में हुई बैठक में पद्मश्रीधारक नागरिक, मंत्री तुलसी सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, आइडीए अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा, विधायकगण, जनप्रतिनिधि, धर्मगुरु, सामाजिक-व्यापारिक संगठन के प्रतिनिधि, कलेक्टर मनीष सिंह मौजूद थे। बैठक की शुरुआत में निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने गौरव दिवस के उद्ेश्य आदि की जानकारी दी।
इंदौर की स्थापना से नहीं जोड़ सकते
सामाजिक कार्यकर्ता अनिल भंडारी ने कहा, गौरव दिवस अहिल्या देवी होलकर के जन्मदिन 31 मई को मनाना चाहिए। मौजूद लोगों ने समर्थन किया। इसी बीच राव नंदलाल मंडलोई जमींदार के परिजन माधवी जमींदार व वरदराज मंडलोई जमींदार ने कहा, इससे 150 साल के ऐतिहासिक तथ्यों को नजर अंदाज किया जा रहा है। इंदौर की स्थापना 3 मार्च को हमारे पूर्वज राव नंदलाल मंडलोई ने कर व्यावसायिक राजधानी बनाया। इन तथ्यों को सुप्रीम कोर्ट में भी स्थापित किया गया। इस पर गणमान्य नागरिकों ने एतराज जताते हुए कहा, यह मामला सिर्फ नंदलालपुरा तक ही सीमित था। इसे इंदौर की स्थापना से नहीं जोड़ सकते। जनप्रतिनिधि महेन्द्र हार्डिया, मालिनी गौड़, कृष्णमुरारी मोघे, अजयसिंह नरूका, सुदर्शन गुप्ता, मधु वर्मा व अन्य ने अहिल्याबाई के जन्मदिन को ही गौरव दिवस मनाने का समर्थन किया। इतिहासकार शरद पगारे ने कहा, गौरव दिवस की प्रस्तावना इतिहास से संबंधित नहीं है। इंदौर के जन्मदिन जैसे मुद्दे पर जाएंगे तो बहुत पीछे जाना होगा। अहिल्या माता ने शहर का गौरव बढ़ाया है। इस पर ऐतराज नहीं होना चाहिए।
इन तर्कों ने बदला माहौल, जन्म से नहीं कर्म से जुड़ा गौरव
धर्मगुरु अण्णा महाराज ने कहा, कोई भी जन्म से गौरव नहीं बनाता। गौरव उसके कार्यो से बढ़ता है। जन्मदिन के दिन गौरव दिवस मनाने के बजाय, ऐसी तिथि ली जाए, जिससे गौरव का एहसास होता हो तो अच्छा रहेगा। इसके लिए राजबाड़ा की नींव रखने वाला दिन भी ले सकते हैं। अहिल्यामाता के राजतिलक वाला दिन भी हो सकता है।
पद्मश्री सुशील दोषी ने कहा, मैं कमेंट्री की शुरुआत अहिल्यामाता के नाम से करता हूं। इंदौर के गौरव की कहानियां और भी हैं। क्रिकेट में सीके नायडू के नाम से शहर को जानते हैं। हॉकी में लक्ष्मण का नाम है। ऐसे कई और भी हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता सत्यनारायण सत्तन ने कहा, इंदौर का गौरव बनने में कई विभूतियां हैं। अहिल्यामाता भी पवित्र व्यक्तित्व हैं। कब मनाएं, यह सरकार तय कर दे तो अच्छा रहेगा। भाजपा नेता गोपीकृष्ण नेमा ने कहा, 3 मार्च तो नंदलालपुरा से संबंधित है। अहिल्यामाता के जन्मदिन के साथ उनके प्रथम आगमन या अन्य तिथि भी ले सकते हैं। शहरकाजी इशरत अली ने कहा, अहिल्यामाता लोगों के दिलों पर राज करने वाली शासक थीं। राव परिवार के योगदान को भी याद रखना होगा। सभी को सुनने के बाद ताई ने कहा, अहिल्यामाता के कर्मों से इंदौर का गौरव बना है। कमेटी लोकमाता के जन्मदिन, प्रथम आगमन दिवस या अन्य कोई तारीख तय करे।
अहिल्यामाता ही क्यों केंद्र में
इतिहासकार सुनील मतकर ने कहा, अहिल्यामाता गौरव दिवस के केंद्र की हकदार हैं, क्योंकि इंदौर में 129 से 1800 तक 29 शासकों ने राज किया। अहिल्यामाता ने 30 साल राज किया। उन्होंने इंदौर को स्थापित करने की नींव रखी। देश में इंदौर का गौरव बढ़ाया।
यह भी रहे मौजूद
पद्मश्री भालू मोंढे, पद्मश्री जनक पलटा मिगीलिगन, पद्मश्री पुरु दाधीच, पंडित अशोक भट्ट, पं. दीपेश व्यास, जयंत भिसे, रमेश खंडेलवाल, प्रमोद डफरिया, रिंकू भाटिया, सुधीर देडग़े, बलराम वर्मा, लीलाधर माहेश्वरी, हंसराज जैन आदि।
यह सुझाव भी आए
- गौरव दिवस पर व्यापार मेला लगाएं।
- कलाकारों की प्रस्तुति के लिए वार्ड में मंच लगाएं।
- स्कूल व कॉलेज के बच्चों को खेल व सांस्कृतिक प्रतियोगिता से जोड़ें।
सरकार का यह उद्देश्य
- नगर के प्रति गौरव भाव का विकास, नागरिकों में जागरुकता व शहरी विकास में भागीदारी सुनिश्चित करना।
चयन के मानक
नगर का स्थापना दिवस
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का जन्मदिन
ऐतिहासिक, सांस्कृतिक विरासत के आधार पर
स्थानीय शहीद की जन्म या पुण्यतिथि
Updated on:
13 Feb 2022 02:46 am
Published on:
13 Feb 2022 02:42 am
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