
सर्जरी करवाकर बदलवाया जेंडर, कागजों में अब तक नहीं मिल सकी पहचान
इंदौर.
बचपन से ही लडक़ों की तरह रहने वाली पूजा (परिवर्तित नाम) ने सर्जरी कराई। इस सर्जरी के बाद वह लडक़ा बन चुका है। समाज और परिचितों ने तो इस बदलाव को स्वीकार कर लिया, लेकिन यूनिवर्सिटी के दस्तावेजों में उसे खुद की नई पहचान दर्ज कराने में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इंदौर से भोपाल तक कई चक्कर काटने के बाद आखिरकार यूनिवर्सिटी उसे नई पहचान देने को राजी हुई है।
बैतूल से दसवी और बारहवीं की पढ़ाई कर चुकी पूजा ने देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेज से 2020 में एमबीए की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद जेंडर परिवर्तन कराकर अब वह लडक़ा बन चुका है। शारीरिक पहचान बदलने के बाद पूजा ने नया नाम भी रखा। इसके बाद सबसे बड़ी चुनौती दस्तावेजों की रही जिसमें उसका पुराना नाम और जेंडर पुरुष था। माध्यमिक शिक्षा मंडल से दसवीं और बारहवीं की अंकसूचियों में तो नाम और जेंडर में परिवर्तन करा लिया। इस आधार पर भोपाल की माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी जहां से उसने बीसीए किया था वहां से भी नए नाम की अंकसूची जारी हो गई। यहां तक कि नए नाम का आधार कार्ड भी बन चुका है लेकिन, एमबीए की अंकसूची में बदलाव के लिए उसे अब तक परेशान होना पड़ रहा है।
डीटीई से मांगा मार्गदर्शन
एमबीए की अंकसूची में बदलाव के लिए जब पूजा ने डीएवीवी में आवेदन किया तो अधिकारियों ने एमबीए के लिए डायरेक्टोरेट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन (डीटीई) का हवाला देते हुए वहां से सुधार कराने की बात कही। इस पर पूजा ने डीटीई ने भी संपर्क किया लेकिन, डीटीई ने जेंडर परिवर्तन करने वालों के लिए कोई नियम नहीं होने की बात कही। लंबी दौड़-भाग के बाद डीटीई ने डीएवीवी को पूजा को जारी की गई अंकसूचियों में बदलाव के लिए हरी झंडी दे दी।
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जेंडर परिवर्तन करा चुके एक छात्र ने अंकसूची में सुधार के लिए आवेदन किया था। एमबीए के एडमिशन डीटीई की काउंसलिंग से होते है इसलिए वहां से ही रिकॉर्ड में संशोधन संभव है। डीटीई से इसकी मंजूरी मिल चुकी है। छात्र को नई अंकसूची जारी कर दी जाएगी।
- डॉ.विष्णु मिश्रा, असिस्टेंट रजिस्ट्रार, डीएवीवी
Published on:
13 May 2023 06:35 pm
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