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भगवान परशुराम ने सभ्यता और संस्कृति की दिलाई पहचान

भगवान परशुराम ने सभ्यता और संस्कृति की दिलाई पहचान  

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इंदौर

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Amit Mandloi

May 21, 2018

parshuram ji

भगवान परशुराम ने सभ्यता और संस्कृति की दिलाई पहचान

- पंचकुइया स्थित श्री राम मंदिर आश्रम में परशुराम कथा व ३० दिवसीय भागवत पारायण शुरू
फोटो - जे

इंदौर। आधुनिक समय में हमारी संस्कृति अनेक प्रकार के संक्रमण के दौर से गुजर रही है। भारतीय ज्ञान विज्ञान की शिक्षा पूरी दुनिया को देने वाले हमारे भारत में हम अपने स्वयं ज्ञान से दूर होते जा रहे हैं। संपूर्ण भारत को सभ्यता और संस्कृति की पहचान भगवान परशुराम ने दी है। भगवान परशुराम ने समाज के प्रत्येक वर्ग को समद्ध व श्रेष्ठ जीवन जीने की पद्धति को प्रेरित करने का उपदेश दिया ।
रविवार को यह बात परशुराम परिषद के प्रवक्ता रमेश शर्मा ने पंचकुईया स्थित श्री राम मंदिर आश्रम मे अधिक मास पर आयोजित 30 दिनी 108 भागवत पारायण व चार दिवसीय परशुराम कथा के पहले दिन कही। उन्होंने कहा वेदों में स्त्री-पुरुषों की स्थितियों को विस्तारपूर्वक वर्णित किया गया, परंतु समय के प्रभाव के कारण हमने स्वयं ही अपने पैरों पर कुल्हाडी मारते हुए स्त्री को भोग्या बनाकर छोड़ दिया है। जबकि स्त्री का मूलस्वरूप कल्याणकारी माता का होता है। इसका संपूर्ण परिचय भगवान परशुराम के विचारों से प्राप्त होता है।

भगवान श्री राम को परशुराम ने ही अताईयों के श्रमन के लिए दिव्य धनुष व भगवान श्रीकृप्ण को श्रेष्ठ सुदर्शन चक्र दिया था। मंदिर के महामंडलेश्वर लक्ष्मणदास महाराज ने बताया 108 विद्वानों द्वारा प्रतिदिन 108 भागवत का पारायण आचार्य पं दिनेश शस्त्री के निर्देशन मे सुबह 9 बजे से 12 बजे व दोपहर 3 बजे से 6 बजे तक किया जा रहा है। श्रीराम भक्त मंडल के प्रमोद जोशी ने बताया व्यासपीठ का पूजन महामंडलेश्वर लक्ष्मण्दास महाराज, प्रणवानंद महाराज, कौशल किशोर पाण्डे ने किया।

परशुराम शौर्य व ओज के देवता तथा अत्यंत दयालु ऋषि भी हैं। भगवान परशुराम को तथाकथित विद्धानों ने कृगदेवता के रूप में प्रतिष्ठित कर दिया। जिसका परिषोधन अत्यंत आवश्यक है।