
वीडियो - इस व्यक्ति ने बनाया रावण का भव्य मंदिर, बोले- मुझे सपने में मिला था दशानन का आदेश
रीना शर्मा विजयवर्गीय @ इंदौर. रावण को बुराई का प्रतीक माना जाता है और इसलिए हर साल दशहरा के दिन लोग रावण का पुतला दहन करते हैं ताकि बुराई का अंत हो..। लेकिन इंदौर शहर के परदेशीपुरा क्षेत्र में रावण का मंदिर है। इस मंदिर में रोजाना एक परिवार रावण की पूजा करता है। यह परिवार रावण को महान विद्वान मानता है।
परदेशीपुरा स्थित अर्जुन सिंह गौहर नगर के महेश गौहर ने 10-10-2010 में मंदिर बनवाया था क्योंकि रावण को दशानन भी कहते है इसलिए मंदिर की स्थापना के लिए इस दिन का चयन किया गया। गौहर परिवार ने अपने घर में रावण का मंदिर बना रखा है और मंदिर में सुबह-शाम आरती होती है। इस आरती में घर के सभी सदस्य, बच्चे शामिल होते है। परिवार में बच्चों के नाम मेघनाथ और लंकेश भी रखे गए है।
परिवार के बच्चो के नाम रखे मेघनाथ और लंकेश
परिवार का मानना है कि दशहरा पर्व अच्छाई पर बुराई की जीत का प्रतीक माना जाता है, लेकिन रावण बुरा व्यक्ति नहीं था। समय बलशाली था। इससे रावण देव से भूल हुई। रावण महान विद्वान व प्रकांड पंडित था। उसे इस रूप को लोग जानना नहीं चाहते। देश की संस्कृति भी रावण के देवतुल्य रूप को सामने नहीं लाती। उसे बुरा व्यक्ति ही माना जाता है, जबकि हमने हमारे परिवार में बच्चो के नाम मेघनाथ, लंकेश भी रखा है।
यहां हर मन्नत होती है पूरी
महेश गौहर ने कहा सालों पहले मुझे स्वप्न आते थे कि मुझे स्थापित कर दो...यहां-वहां क्यों भटक रहे हो...जैसे कुछ अजीबो-गरीब। इस दौरान मेरा मंदसौर जाना हुआ और वहां मैंने रावण का मंदिर देखा जब से ही रावण के प्रति मेरी आस्था बढ़ गई। इस मंदिर में लोग बच्चे के लिए भी डोरे बांधते है और जिनकी बेटियों की शादी नहीं होती वे भी यहां आते है। बच्चो की बुध्दि भी बढ़ती है ऐसी तमाम मन्नते यहां पूरी होती है।
नागदेव फन में विराजे रावण
कॉलोनी के बच्चे जब परीक्षा देने जाते है तो घर में बने रावण के मंदिर में आशीर्वाद लेते है। यह क्रम सालों से चला आ रहा है। मंदिर में रावण के 10 सिर के ऊपर नागदेव फन फैलाए हुए है। रोजाना आरती होती है। पूरे विधान से रावण का पूजन किया जाता है। गौहर परिवार के प्रमुख महेश गौहर कहते है कि वे इस दिन विशेष हवन करते है और मोक्ष दिवस के रूप में मनाते है।
लंदन और अमेरिका से आए लोग
इंदौर में बने रावण के मंदिर को देखने के लिए लंदन और अमेरिका से लोग आ चुके है। इनके अलावा देश के अन्य राज्य गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब और उप्र सहित अन्य कई राज्यों से लोग यहां आए है। गौहर कहते है रावण मंदिर इसलिए बनाया गया क्योंकि रावण परम ज्ञानी होने के साथ-साथ शिवभक्त भी थे और मैं भी शिवभक्त हंू इसलिए इस मंदिर में शेष नाग के अंदर रावण को स्थापित किया गया है।
प्रदेश में यहां हैं रावण के मंदिर
इंदौर सहित मंदसौर, विदिशा, महेश्वर, उज्जैन और छिंदवाड़ा के पास अमरवार गांव में रावण के मंदिर बने है, जिनमें लोग रोजाना पूजा-अर्चना करते है। बताया जाता है कि रावण मंदसौर के जमाई है, क्योंकि उनकी पत्नी मंदोदरी यहीं की है। इसलिए मंदसौर में अधिकतर जगह रावण के पुतले का दहन नहीं किया जाता है।
कानपुर में दशहरे के दिन ही खुलाता है मंदिर
कानपुर में बने रावण का मंदिर हर साल एक ही दिन खुलाता है। दशहरे दिन ही मंदिर खुलता है, जिसमें दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती है।
वीडियो - रविन्द्र सेठिया
Published on:
08 Oct 2019 09:01 am
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