डीसीपी निमिष अग्रवाल के मुताबिक, तत्काल लोन उपलब्ध कराने वाली इजी वॉलेट, सन्नी लोन, कैशगेन, फ्रंट लोन आदि ऐप को डाउनलोड करने के बाद फरियादी ने एक लाख के लोन के लिए आवेदन किया था। महिला को एक लाख के एवज में 38 हजार रुपए दिए गए तो उन्होंने वापस कर दिए। आरोप है कि इसके बाद फरियादी व परिजनों को एडिट कर अश्लील फोटो, मैसेज एवं कॉल के माध्यम से लगातार परेशान करने करते हुए 1 लाख 35 हजार रुपए का भुगतान करने एवं फोटोज को वायरल करने की धमकी दी जा रही थी। मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की।उप्र, बिहार, दिल्ली में जगह बदल-बदल कर रहते थे
पता चला कि चीन व अन्य देशों से लोन ऐप संचालित होते हैं और बाद में वसूली करने के लिए गुरुग्राम के गिरोह को ठेका देते हैं। गुरुग्राम, दिल्ली से पुलिस टीम ने सीपक कुमार उर्फ हापसी निवासी जिला सहरसा, बिहार और अमन मैसी उर्फ काले वर्तमान निवासी बरेली, उत्तरप्रदेश को पकड़ा। पूछताछ में पता चला कि उक्त फर्जी ऑनलाइन लोन ऐप कंपनियों से आरोपियों ने वसूली का ठेका ले रखा है। गुरुग्राम से गैंग ऑपरेट करते हैं। वसूली के लिए उप्र, बिहार, दिल्ली आदि जगह स्थान बदल-बदलकर निवास करते हैं।निजी डाटा करते थे एक्सेस
ऐप के माध्यम से ग्राहकों का निजी डाटा (कॉन्टेक्ट, फोटोज, आधार/पैन कार्ड, बैंक डिटेल्स आदि) आरोपियों को मिल जाता है। फोटो को एडिट कर आपत्तिजनक बनाकर उसे वायरल करने की धमकी देते हैं। आरोपी फर्जी वर्चुअल नंबरों एवं फर्जी वाट्सऐप अकाउंट से फरियादी एवं परिजन को अधिक राशि भुगतान का लिए दबाव बनाते हैं। आरोपियों के कई साथी दिल्ली में हैं, जो अलग-अलग ऐप के लिए यही काम कर रहे। इनसे आगे पूछताछ की जा रही है।