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VIDEO : नंदी के मुख से निकली जलधारा कर रही महादेव का अभिषेक, दर्शन को उमड़े भक्त, हजार साल पुराना है मंदिर

- मंदिर के दरवाजे के बाहर बना अमृतकुंड भी लबालब हो गया है - गरुड़ की तपस्या से खुश हुए थे महादेव

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इंदौर

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Hussain Ali

Aug 29, 2019

VIDEO : नंदी के मुख से निकली जलधारा कर रही महादेव का अभिषेक, दर्शन को उमड़े भक्त, हजार साल पुराना है मंदिर

VIDEO : नंदी के मुख से निकली जलधारा कर रही महादेव का अभिषेक, दर्शन को उमड़े भक्त, हजार साल पुराना है मंदिर

इंदौर. शहर के पास स्थित देवगुराडिय़ा पहाड़ी पर स्थित करीब हजार साल पुराने गुटकेश्वर महादेव मंदिर पर करीब चार साल बाद अनोखा दृश्य देखने को मिल रहा है। यहां बारिश के मौसम में प्राकृतिक जल से महादेव का अभिषेक होता है, लेकिन बीते सालों में कम बारिश की वजह से ऐसा नहीं हो पा रहा था।

इस साल हुई भारी बारिश के चलते नंदी के मुख से जलधारा बहकर सीधे शिवलिंग का अभिषेक कर रही है। इस दृश्य को निहारने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे हैं। मंदिर के दरवाजे के बाहर बना अमृतकुंड भी लबालब हो गया है। माना जाता है कि देवगुराडिय़ा शिव मंदिर और शिवलिंग पूर्व समय में जमीन में दब गया था। बाद में ऊपर से एक मंदिर बनवा दिया गया था।

गरुड़ की तपस्या से खुश हुए थे महादेव

मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि गरुड़ ने यहां कठिन तपस्या की थी, जिसके बाद यहां महादेव प्रकट हुए और शिवलिंग के रूप में यहीं रह गए। देवी अहिल्या शिव भक्त थीं। उन्होंने 18वीं सदी में इस प्राचीन शिव मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था। सबसे खास बात है कि इस मंदिर में हर साल बारिश में पहाड़ी जल से शिवजी का प्राकृतिक जलाभिषेक होता है। शिवलिंग के ऊपर की तरफ बने नंदी के मुख से सावन-भादौ में प्राकृतिक जल निकलता है, जो सीधे शिवलिंग पर गिरता है और बाहर बने अमृतकुंड में चला जाता है।

शिवरात्रि पर लगता है भव्य मेला

बताते हैं कि पुरी परिवार यहां सोलह पीढिय़ों से मंदिर की पूजा कर रहा है। अब सत्रहवीं पीढ़ी यह दायित्व संभालने के लिए तैयार है। हर साल मंदिर पर शिवरात्रि में भव्य मेले का आयोजन होता है। मंदिर के पांच कुंड में से दो कुंडों में लोग स्नान करते हैं। माना जाता है कि इन कुंडों का पानी कभी नहीं सूखता है और पूरे गांव की प्यास इसी कुंड से बुझती है। मंदिर में भगवान शिव के गण माना जाने वाला नाग का जोड़ा भी रहता है। कभी कुंड में तो कभी शिवालय में ये नाग-नागिन भक्तों को दर्शन देते हैं।