
करोड़ों की टैक्स चोरी, 5 करोड़ का अमानक गुटखा जब्त
भोपाल/ इंदौर. राजधानी में गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में संचालित दो गुटखा फैक्ट्री में स्टेट जीएसटी, खाद्य विभाग, बिजली विभाग, श्रम विभाग, ईओडब्ल्यू ने शुक्रवार तडक़े करीब साढ़े चार बजे छापा मारा। जांच में सामने आया कि मानकों के विपरीत मशीनों में फेरबदल कर तीन अलग-अलग ब्रांड के गुटखा, पान मसाला, तंबाकू के पाउच तैयार किए जा रहे थे। जांच एजेंसी ने ५०० करोड़ रुपए की कर चोरी की संभावना जताई है। इसके साथ ही मिलावट युक्त पांच करोड़ रुपए कीमत का गुटखा जब्त किया है। जांच एजेंसी ने दोनों फैक्ट्री को सील कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि एक फैक्ट्री अवैध रूप से चल रही थी। उसकी लीज खत्म हो चुकी है। भोपाल के साथ इंदौर और ग्वालियर में भी गुटखा फैक्ट्रियों पर छापा मार कर जांच की गई।
जानकारी के मुताबिक, गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में कायपान फूड प्रोडक्ट कंपनी की दो फैक्ट्री में तीन ब्रांड (राजश्री, कमला पसंद, ब्लैक लेवल) के गुटखा तैयार किया जाता है। ईओडब्ल्यू को सूचना मिली थी कि फैक्ट्री में मशीनों में हेरफेर कर टैक्स चोरी की जा रही है। इसके अलावा अमानक स्तर का गुटखा तैयार किया जाता है। शुक्रवार तडक़े करीब साढ़े चार बजे अलग-अलग विभागों की टीम के ६० से अधिक अधिकारियों ने फैक्ट्री पर छापा मारा। छापे के दौरान अमानक स्तर की सामग्री से गुटखा बनते पाया गया।
जितना टैक्स दिया उसका ढाई गुना अधिक उत्पादन किया
पिछले साल कंपनी ने ३७५ करोड़ रुपए का टैक्स भरा था जबकि जबकि जांच में यह खुलासा हुआ कि तय सीमा से ढाई गुना अधिक उत्पादन किया जा रहा था। फैक्ट्री में तय सीमा से अधिक गति से मशीनें चलती मिलीं। जांच एजेंसियों का कहना कि गुटखा उत्पादन की दर के अनुसार टैक्स निर्धारित किया जाता है। लेकिन फैक्ट्री में मशीनों में हेरफेर कर तय सीमा से अधिक गुटखा का उत्पादन किया जा रहा था। इससे टैक्स चोरी की जा रही थी। इसके साथ ही प्रोविडेंट फंड से भी धोखाधड़ी की आशंका है।
गंदगी का अंबार, नाबालिग काम करते मिल
फैक्ट्री में गंदगी का अंबार लगा रहा था। फैक्टी में करीब 500 मजदूर प्रदूषित वातावरण में काम करते मिले। इनमें बड़ी संख्या में नाबालिग कर्मचारी काम कर रहे थे। जांच एजेंसियों ने बाल श्रमिकों को मुक्त कराया। बताया गया कि ठेकेदार कम वेतन पर इन बच्चों को काम पर रखते हैं।
कंपनी के संचालक पर हुआ था जुर्माना
अगस्त 2015 में कायपान प्रा. लि कंपनी के संचालक महेश के खिलाफ प्रशासन ने एक लाख रुपए का जुर्माना किया था। खाद्य विभाग की जांच में सामने आया था कि पान मसाला खाने योग्य नहीं है। इसके बाद प्रशासन ने कंपनी के संचालक के खिलाफ केस दर्ज किया था।
छापा के चलते बंद रहा प्रोडक्शन
गोविंदपुरा में गुटखा कारोबारी की फैक्ट्री में छापा मारने से उत्पादन बंद रहा। अलग-अलग विभागों की टीमें योजना बनाकर सुबह 5 बजे फैक्ट्री पहुंच गई थी। उसके बाद जांच तो शुरू हो गई लेकिन छापे की भनक लगने से कर्मचारी काम पर नहीं आए। शाम तक फैक्ट्री संचालक भी फैक्ट्री में नहीं पहुंचा। कर्मचारियों के नहीं आने से पूरे दिन गुटखों का उत्पादन बंद रहा।
पान मसाला कारोबारी की गोविंदपुरा स्थित फैक्ट्री पर हमारी टीम भी जांच में लगी हुई है। पान मसाला कारोबारी के कुल टर्नओवर और उस पर लगने वाले टैक्स की गणना होगी। स्टॉक का वेरीफिकेशन भी करवाया जाएगा। इसके साथ ही पिछले पांच साल के रिटर्न को भी देखा जाएगा। इन उत्पादों पर टैक्स ज्यादा होता है, इसलिए टैक्स चोरी की संभावना ज्यादा रहती है। जांच पूरी होने में अभी समय लगेगा।
- एसके श्रीवास्तव, संयुक्त आयुक्त, राज्य कर, एंटी इवेजन ब्यूरो
Updated on:
11 Jan 2020 11:40 am
Published on:
11 Jan 2020 01:23 am
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