
इंदौर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान—आइआइटी— इंदौर ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है. आइआइटी इंदौर में देश का पहला हाई इलेक्ट्रान मोबिलिटी ट्रांजिस्टर तैयार किया गया है. यह आयातित ट्रांजिस्टर की तुलना में पांच गुना कम दामों में मिलेगा जोकि अप्रैल तक बाजार में उपलब्ध होगा।अभी तक ये ट्रांजिस्टर चीन और अन्य देशों से महंगे दामों में मंगाए जाते थे. खास बात यह है कि देशी ट्रांजिस्टर की कम कीमत के कारण अब इलेक्ट्रिक कार—बाइक भी बहुत सस्ती हो जाएंगी.दरअसल संस्थान ने गैलियन नाइट्राइट की जगह जिंक आक्साइड से ट्रांजिस्टर बनाकर कीमतों में बड़ा अंतर ला दिया है.
आइआइटी— इंदौर में तैयार हुआ देश का पहला हाई इलेक्ट्रान मोबिलिटी ट्रांजिस्टर (एचईएमटी) जल्द बाजार में उपलब्ध होगा। आइआइटी इंदौर का यह पहला कमर्शियल पेटेंट है। आइआइटी इंदौर ने इसके लिए आइआइटी दिल्ली का साथ लिया है। इसके लिए दोनों संस्थानों के बीच समझौता हुआ है।
खास बात यह है कि चीन और अन्य देशों से मंगाए जाने वाले हाई इलेक्ट्रान मोबिलिटी ट्रांजिस्टर गैलियन नाइट्राइट से बनाए जाते हैं। इससे उनकी कीमत बहुत ज्यादा होती है। जबकि आइआइटी इंदौर में तैयार हुआ ट्रांजिस्टर जिंक आक्साइड से तैयार किया गया है। इसकी कीमत बाहर से मंगाए जाने वाले ट्रांजिस्टर से पांच गुना कम रहेगी।
गौरतलब है कि दुनिया में लंबे समय से इस बात पर चर्चा होती रही है कि क्या जिंक आक्साइड से हाई इलेक्ट्रान मोबिलिटी ट्रांजिस्टर बनाए जा सकते हैं? हाई इलेक्ट्रान मोबिलिटी ट्रांजिस्टर का उपयोग सिग्नल को कम समय में दूसरी जगह पर भेजने आदि के उपकरणों में होता है. इसका अधिकांश उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों, सैटेलाइट, सुपर कंप्यूटर, स्पेस टेक्नोलाजी, कार्डलेस फोन, वायरलेस सेट आदि में किया जा सकेगा। ट्रांजिस्टर का उत्पादन शुरू हो जाने से इलेक्ट्रिक वाहनों में लगने वाले कन्वर्टर बाहर से नहीं मंगाने पड़ेंगे। ये भारत में ही बनाए जाएंगे जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत भी कम हो सकेगी।
Published on:
17 Feb 2022 08:49 am
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