इंदौर के बाद दूसरे नंबर पर भोपाल संभाग है। इस संभाग के पांचों जिलों में १९ हजार संक्रमित मिले हैं। सबसे ज्यादा संक्रमित १० हजार बीते दस दिन में मिले हैं। सबसे ज्यादा खराब स्थिति तो भोपाल की है। १७ दिन में सीहोर, विदिशा, रायसेन और राजगढ़ में एक-एक हजार से ज्यादा केस मिले हैं। इन जिलों में भी सबसे ज्यादा संक्रमण विदिशा में बढ़ा है।
संभागों में इस माह नए केस
संभाग | केस |
इंदौर | 25949 |
भोपाल | 19447 |
जबलपुर | 15588 |
ग्वालियर-चंबल | 12329 |
उज्जैन | 9038 |
सागर | 5621 |
रीवा | 4536 |
होशंगाबाद | 3388 |
शहडोल | 3317 |
जबलपुर संभाग में जबलपुर के अलावा सबसे ज्यादा केस कटनी जिले में मिले हैं। १० अप्रेल तक काफी कम केस मिल रहे थे, लेकिन फिर अचानक बढऩे लगे। छिंदवाड़ा, बालघाट महाराष्ट्र की सीमा से जुड़े होने के कारण फरवरी से केस बढऩा चालू हो गए थे, लेकिन सिवनी में इस माह ८ तारीख से केस बढऩा शुरू हुए हैं, जो बढ़ते जा रहे हैं। इस दौरान नरसिंहपुर में भी एक हजार से अधिक संक्रमित मिले हैं। संक्रमण के मामले में तीसरे नम्बर पर ग्वालियर-चंबल संभाग है। इस संभाग में १७ दिनों के अंदर १५ हजार से अधिक नए केस मिले हैं। इस संभाग में ग्वालियर और शिवपुरी में ही सबसे ज्यादा संक्रमिल मिले हैं।
पांच संभागों में 10 हजार से कम संक्रमित
प्रदेश के पांच संभागों में 10 हजार से कम नए संक्रमित इस माह मिले हैं। इसमें सबसे कम संक्रमित शहडोल संभाग के सभी जिले हैं। इस संभाग के तीनों जिलों को मिलाकर 3317 नए संक्रमित मिले हैं। संक्रमण के मामले में आगे शहडोल है, दूसरे नंबर पर उमरिया जिला है। दूसरे नम्बर पर होशंगाबाद संभाग का नाम है। इस संभाग में 3388 नए केस मिले हैं। नए केसों के मामले में सबसे आगे होशंगाबाद और बैतूल जिला है। बैतूल भी महाराष्ट्र से लगा होने के कारण सबसे ज्यादा संक्रमित रहा है। उज्जैन संभाग की बात करें तो यहां 9 हजार से अधिक संक्रमित मिले हैं। इसके बाद सागर और रीवा संभाग है, जहां 4 हजार से अधिक संक्रमित मिले हैं। रीवा और सतना में सबसे ज्यादा संक्रमित मिले हैं।