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रिसीविंग एरिया ही फिक्स नहीं कैसे मिलेगा टीडीआर

पालिसी लागू पर नियम अब भी नहीं, सर्टिफिकेट लेकर घूमो

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indore master plan

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इंदौर।
टीडीआर पॉलिसी तो लागू हो गई है, लेकिन इसका फायदा कहां और कैसे मिलेगा यह अब भी तय नहीं है। शासन जब नियम तय करेगा, तभी इसका फायदा मिलना शुरू होगा। तब तक टीडीआर के सर्टिफिकेट लेकर घूमते रहो, जैसे बीआरटीएस वाले घूम रहे हैं। नियम कब तक फायनल होंगे, इसको लेकर फिलहाल तो सरकार मौन ही है।
पिछले कुछ दिनों से हल्ला सा मचा हुआ है, सरकार ने टीडीआर पॉलिसी लागू कर दी। अब तोडफ़ोड़ में जितनी जमीन गई, उसके बदले उतना ही एफएआर मिल जाएगा। यह ट्रांसफर भी किया जा सकेगा और बेचा भी जा सकेगा। रियल स्टेट कारोबार में एकदम से हलचल शुरू हो गई। टीडीआर खरीदने-बेचने के लिए एजेंट भी सक्रिय हो गए। पर इस तथ्य को नजरअंदाज कर दिया गया कि सरकार ने अभी केवल पॉलिसी बनाई है, नियम नहीं। किसी भी पालिसी के लागू होना ही उसके क्रियान्वयन नहीं होने लगता, बल्कि उसके लिए नियम और कानून तय करना होते हैं। टीडीआर पॉलिसी के नियम तो अब तक बने ही नहीं। यह पहली बार नहीं है कि टीडीआर पॉलिसी आई है, बीआरटीएस के लिए जमीन लेते समय भी उस हिस्से के लिए पॉलिसी बनाई गई थी, लेकिन टीडीआर सर्टिफिकेट हासिल करने वाले अब तक इसका फायदा इसीलिए नहीं ले पाए हैं कि नियम तय नहीं हुए।
रिसीविंग एरिया फिक्स करना जरूरी
टीडीआर का उपयोग करने के लिए रिसीविंग एरिया तय करना जरूरी है। रिसीविंग एरिया से मतलब वे क्षेत्र जहां अतिरिक्त एफएआर का उपयोग किया जा सकेगा। क्योंकि हर क्षेत्र में एफएआर बढ़ाकर अनुमति नहीं दी जा सकती। कुछ सघन क्षेत्रों में तो बिलकुल नहीं। अन्यथा यहां आने वाली अतिरिक्त जनसंख्या के लिए अतिरिक्त संशाधन जुटाने होंगे, सड़कों की चौड़ाई बढ़ाना होगी, पानी, सीवरेज हर सिस्टम फेल हो जाएगा। इसलिए बढ़े हुए एफएआर को उन्हीं क्षेत्रों में दिया जाएगा जहां बसाहट घनी ना हो और इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने को पर्याप्त जमीन हो।
अभी डायरेक्टर के हाथ में कमान
अभी टीडीआर का लाभ देने के लिए टीएनसीपी डायरेक्टर को अधिकार दिए गए हैं। जिस एरिया के लिए टीडीआर और अतिरिक्त एफएआर मांगा गया है, उसके लिए डायरेक्टर से अनुमति लेना होगी। वह नोटिफिकेशन जारी करेगा, तब इसका लाभ मिलेगा। वह भी उसे जिसने आवेदन किया है। यानी हर व्यक्ति को अलग-अलग आवेदन करना होगा और अलग-अलग नोटिफिकेशन होगा। प्रक्रिया काफी जटिल और लंबी होगी।
टीओडी में भी अभी फायदा नहीं
टीओडी पॉलिसी के तहत लोक परिवहन के सभी कॉरिडोर पर अतिरिक्त एफएआर का भरपूर लाभ मिलेगा, क्योंकि यहां हाई केपेसिटी पब्लिक ट्रांसपोर्ट या तो है या आने वाला है, जैसे बीआरटीएस और मेट्रो कॉरिडोर। कैबिनेट ने यहां टीओडी पॉलिसी तो मंजूर कर दी, लेकिन अभी इसका नोटिफकेशन होगा, दावे-आपत्ति बुलाए जाएंगे। इनका निराकरण होगा। अंतिम नोटिफिकेशन होगा और इसके बाद पॉलिसी पास होगी। नियम-कानून बनेंगे। यानी अभी लंबा समय है इसका लाभ मिलने में। तब तक चुनाव आ जाएंगे।