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कैसे हो रही इंदौर-देवास बायपास की बदहाल स्थिति ?

- हाई कोर्ट ने एनएचएआइ, प्रदेश सरकार सहित कलेक्टर और टोल कंपनी को नोटिस दिए - 6 सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश- बायपास पर हैं बड़े-बड़े गड्डे, स्ट्रीट लाइटें भी बंद, सर्विस रोड पर भी अतिक्रमण  

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कैसे हो रही इंदौर-देवास बायपास की बदहाल स्थिति ?

कैसे हो रही इंदौर-देवास बायपास की बदहाल स्थिति ?

इंदौर. इंदौर-देवास बायपास की बदहाल स्थिति और यहां पर नेशनल हाईवे के अनिवार्य नियमों की अनदेखी को लेकर इंदौर हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। जस्टिस सुजोय पॉल और जस्टिस अनिल वर्मा की युगल पीठ ने याचिका पर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ), इंदौर कलेक्टर और टोल टैक्स कंपनी सहित 5 पक्षकारों को नोटिस जारी कर सभी को 6 सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट न पूछा है, इंदौर-देवास बायपास के हालत बदहाल क्यों हैं।मातृ फाउंडेशन ने याचिका में इंदौर-देवास बायपास की बदहाल स्थिति से जुड़ी तस्वीरें और वीडियो भी पेश किए हैं। इस रूट का रखरखाव करने वाली टोल कंपनी की लापरवाही को भी मुद्दा बनाया है। याचिका में मांग की है, जब तक बायपास ठीक नहीं हो जाता तब तक टोल टैक्स की वसूली पर रोक लगाई जाए। याचिका में बताया है, पूरे बायपास पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। आधे से अधिक हिस्से में स्ट्रीट लाइटें बंद हैं, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। इसके अलावा बायपास की सर्विस रोड भी बुरी तरह से खराब है। कई स्थानों पर अतिक्रमण हो गए हैं। कई स्थानों पर बारिश का पानी जमा हो रहा है, उचित निकासी व्यवस्था नहीं होने उससे भी सड़क खराब हो रही है। पुल-पुलिया भी बदहाल हैं। एडवोकेट अमय बजाज ने बताया, संस्था ने 10 बिंदुओं पर राहत मांगी है। नियमों के मुताबिक टोल कंपनी को बायपास पर स्ट्रीट लाइट, लैंडस्केपिंग और पौधरोपण, ट्रक ले बाय, ट्रैफिक एड पोस्ट, पेडेस्ट्रियन सुविधा, सुविधाघर, चिकित्सकीय एड पोस्ट, बस बाय और बस खड़े रहने का स्थान आदि सुविधाएं उपलब्ध कराना अनिवार्य है, लेकिन इंदौर-देवास बायपास पर इनमें से अधिकांश सुविधा नहीं हैं।