scriptप्रधानमंत्री फसल बीमा का मुआवजा देने में नियमों की अनदेखी कैसे हुई: हाई कोर्ट | How rules were ignored in giving compensation | Patrika News
इंदौर

प्रधानमंत्री फसल बीमा का मुआवजा देने में नियमों की अनदेखी कैसे हुई: हाई कोर्ट

उज्जैन के फतेहपुर गांव को लेकर दायर जनहित याचिका पर सरकार ने नहीं दिया जवाब
 

इंदौरFeb 18, 2020 / 10:33 pm

Kamlesh Pandey

प्रधानमंत्री फसल बीमा का मुआवजा देने में नियमों की अनदेखी कैसे हुई: हाई कोर्ट

प्रधानमंत्री फसल बीमा का मुआवजा देने में नियमों की अनदेखी कैसे हुई: हाई कोर्ट

इंदौर. उज्जैन जिले के बडऩगर से जुड़े फतेहपुर गांव के किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मिलने वाले मुआवजे के आकलन में गड़बड़ी को लेकर दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। जस्टिस एससी शर्मा और जस्टिस शैलेंद्र शुक्ला की युगल पीठ के समक्ष दायर याचिका में केंद्र और राज्य सरकार के अलावा आईसीआईसीआई लोम्बार्ड कंपनी को अपना जवाब पेश करना था, लेकिन सभी पक्षों ने जवाब देने के लिए समय मांग लिया है। कोर्ट ने सभी को दो सप्ताह के भीतर जवाब देने के आदेश दिए हैं। एडवोकेट कुलदीप नागर ने यह जनहित याचिका दायर की है। एडवोकेट दृष्टि रावल ने बताया, २०१८ में फतेहपुर क्षेत्र में सूखा पड़ा था और फसलें खराब हो गई थीं। आसपास के गांव के किसानों की फसलें भी खराब हुई थीं। फसलें खराब होने के बाद क्षेत्र के पटवारियों ने सर्वे कर अपनी रिपोर्ट पेश की थी। इसके बाद किसानों को मुआवजा देने के लिए अधिकृत आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इन्श्योरेंस कंपनी के अधिकारियों ने भी दौरा किया। दोनों की रिपोर्ट और नियमों की अनदेखी के चलते एक ही जिले में कुछ किसानों को १४००० रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया गया जबकि कुछ को १९४ रुपए प्रति एकड़ के हिसास से पैसे मिले। इस भिन्नता के चलते उचित और सहित मुआवजा दिलाने के लिए जनहित याचिका दायर की गई थी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो