
बच्चों को सिखाया हाथ धोने का तरीका
सांवेर. नगर और क्षेत्र के तमाम शासकीय विद्यालयों में विश्व हाथ धुलाई दिवस के अवसर पर शिक्षक-शिक्षिकाओं ने बच्चों को हाथ दोने का सही तरीका बताया और इसका महत्व भी समझया। बच्चों ने भी इसे एक खेल और मनोरंजन के रूप में सहज समझा। नगर के शासकीय माध्यमिक विद्यालय केशरीपुरा में प्रभारी प्रधान अध्यापक रायसिंह पंचोली और दामोदर मेरावडिया के मार्गदर्शन में छात्र-छात्राओं को हाथ धुलवाकर सही तरीका बताया। बच्चों को हाथ धोने का महत्व भी बताया। इसी तरह का आयोजन मगरखेड़ी के माध्यमिक विद्यालय में भी संस्था प्रभारी सुभाष शर्मा के मार्गदर्शन में हुआ।
सांवेर के प्रभारी बीएमओ का एक और करिश्मा
सांवेर. शासन ने जिस कर्मचारी को क्षय रोग (टी.बी.) की दवाएं मरीजों को बांटने के लिए सांवेर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में तैनात किया है। उससे प्रभारी बीएमओ द्वारा लेखापाल का काम करवाया जा रहा है। क्षय रोगियों को दवा बांटने का जिम्मा एक अन्य कर्मचारी को दे रखा है।
टीबी की बीमारी की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा अलग-अलग कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके लिए प्रशिक्षित कर्मचारी और चिकित्सकों की तैनाती हर ब्लॉक में की गई है। लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सांवेर में इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी ही भारी लापरवाही बरत रहे हैं।
सीइओ का दौरा भी रहा निरर्थक
कलेक्टर निशांत वरवड़े ने सांवेर के सरकारी अस्पताल की लगातार आ रही गंभीर शिकायतों पर गौर करते हुए पिछले दिनों जिला पंचायत सीइओ नेहा मीणा को इस अस्पताल की जांच करने के निर्देश दिए थे। जिपं सीइओ द्वारा जब यहां दौरा किया गया तो कई तरह की लापरवाहियां सामने आई थीं, लेकिन फिरभी अभी तक न तो किसी अधिकारी या कर्मचारी पर कोई कार्रवाई हुई न ही यहां के बिगड़े ढर्रे में कोई सुधार देखने को मिला।
काम किसका कर कौन रहा
स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रमोद भोयर (टी.बी.एच.व्ही.) की नियुक्तिग्रामीण क्षेत्र भ्रमण करने वाले स्वास्थ्य कायकर्ताओं को दवा प्रदाय करने के साथ ही अस्पताल में बैठकर तपेदिक रोगियों को दवा नि:शुल्क दवा प्रदाय करने हेतु की गई है। लेकिन भोयर द्वारा अपना मूल काम काम नहीं किया जाता है। जब जानकारी ली गई तो पता चला कि इस कर्मचारी द्वारा अपने काम के बजाए अस्पताल के अन्य कार्य किए जा रहे हैं, जबकि प्रमोद भोयर का काम प्रभारी बीएमओ की मर्जी से अस्पताल के अन्य कर्मचारी समन्दर (एडीवी) जो कि अप्रशिक्षित और अयोग्य है, द्वारा किया जा रहा है। समन्दर का काम ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण सत्र के आयोजन हेतु वैक्सीन लेकर जाने का है। लेकिन इसके द्वारा फिलहाल टीबी के मरीजों को दवाई देने का काम किया जा रहा है। टीबी जैसी गंभीर बीमारी में इतनी बड़ी लापरवाही होने के बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नही दे रहे हैं और टीबी के मरीजों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे है।
इनका कहना है-
दो दिन की छुट्टी पर जाने के कारण हो सकता है कि उनकी जगह समन्दर दवाई देने का काम रहे होंगे। इसके अलावा तो प्रमोद भोयर ही टीबी की दवाई देने का काम करते हैं।
डॉ. आदित्य चौरसिया
प्रभारी बीएमओ
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सांवेर
Published on:
16 Oct 2018 09:16 pm
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