
लोक सेवा गांरटी केंद्रों पर 1 जुलाई से डल जाएंगे ताले!
इंदौर. नई सरकार ने आते ही पुरानी सरकार की व्यवस्थाओं में बदलाव शुरू कर दिए है। अनेक योजनाओं के नाम बदल दिए गए। अब जन सुविधा के लिए कलेक्टोरेट की सेवाओं का विकेंद्रीकरण करने की योजना लोक सेवा केंद्रों पर भी सरकार की टेड़ी नजर है। इंदौर में चल रहे लोक सेवा गारंटी केंद्रों की मियाद 30 जून को पूरी होना हैं। नए वेंडर नियुक्त करने के लिए प्रशासन ने टेंडर बुलाए थे, लेकिन सरकार ने इनकी प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।
जिले में नए तहसील सेटअप के अनुसार टेंडर बुलाए गए थे, इसके लिए 350 लोगों ने रूचि लेते हुए टेंडर डाले है। नए सेटअप में इंदौर नगरीय सीमा में 8 व 4 ग्रामीण क्षेत्रों में केंद्र शुरू किए जाने हैं। भाजपा सरकार ने प्रशासनिक अफसरों के पास कम हो रहे निचले अमले को देखते हुए अनेक सेवाओं को लोक सेवा गांरटी केंद्रों के माध्यम से करने का फैसला लिया था। वर्तमान में शहर में दो व तहसील पर 4 केंद्र काम कर रहे हैं। इन केंद्रों के माध्यम से लोगों के अनेक एेसे कार्य जिन्हें अफसरों के ऑफिस से करवाने के लिए कलेक्टोरेट के चक्कर पर चक्कर लगाना पड़ते थे, तय समय सीमा में हो रहे है। 30 जून को इन केंद्रों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। इस बार प्रशासन ने केंद्रों की संख्या में वृध्दि करते हुए नए तहसील सेटअप के अनुसार 12 केंद्र शुरू करने का निर्णय लिया हैं। इसमें महू को छोड़ कर 11 केंद्रों के लिए टेंडर बुलाए थे। इनमें 8 इंदौर शहरी तहसीलों, देपालपुर, सांवेर व हातोद केंद्र शामिल किए गए हैं। नए केंद्रों के लिए स्थान की तलाश भी लगभग पूरी हो चुकी हैं। संभवत इन्हें नई तहसील कार्यालयों में ही शुरू किए जाएंगे। जिससे लोगों को कलेक्टोरेट तक आने की जरूरत नहीं होगी।350 वेंडरों ने रूचि दिखाई है। सरकार के फरमान के बाद इन टेंडर खोलने की प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया है। केंद्र के प्रभारी अफसर का कहना है, यदि समय रहते निर्णय नहीं लिया गया तो सुविधा मुश्किल में आ जाएगी। मामला सिर्फ इंदौर का ही नहीं हैं। अन्य जिलें भी प्रभावित होंगे।
कार्य करने की समय सीमा तय
सरकार ने इन केंद्रों के माध्यम से दो काम किए हैं, पहला आवेदन प्रक्रिया को आसान बनाया और दूसरा लोगों को सीधे अफसरों के चेंबर तक जाने की अनिवार्यता समाप्त करते हुए समय सीमा तय कर दी। जिससे आवेदन करने के बाद तय समय में या उससे पहले वह काम किया जा रहा है। यानी तय समय में काम करने की पूरी गांरटी इन केंद्रों के लिए दी गई है। आम तौर पर इन सेवाओं के लिए तहसील कार्यालयों में पर्याप्त स्टाफ ही नहीं है। यदि इन केंद्रों पर ताले डलेंगे तो लोगों की परेशानी बढ़ सकती हैं। इंदौर शहर मंे तो केंद्रों के समान्तर समाधान आन लाइन व्यवस्था चल रही हैं। अन्य जिलों में परेशानी आएगी।
यह कार्य हो रहे
आम लोगों की जरूरत के अनेक काम इन सर्विसेस में शामिल हैं। इन केंद्रों से 47 से ज्यादा तरह की सर्विसेस दी जाती है। जिसमें प्रमुख रूप से आय-जाति व अन्य जरूरी प्रमाण पत्र। राजस्व कार्योंं के आवेदन। अनेक तरह के अनापत्ति प्रमाण पत्र भी इन्हीं केंद्रों पर बनते हैं। खसरा नकल, जमीन संबंधित जानकारियां, समग्र आईडी, बीपीएल, एपीएल कार्ड, एआईसीटीएसएल की बसों के पास, ड्रायविंग लाइसेंस के लर्निग के आवेदन सहित अनेक सेवाएं है। इनके लिए रोजाना 300 से ज्यादा आवेदन इन केंद्रों के पास पहुंचते हैं। यह केंद्र आवेदन को प्रोसेस करके संबंधित अफसर के समक्ष पेश करते हैं। यह प्रक्रिया आन लाइन व कुछ में ऑफ लाइन होती हैं।
Published on:
18 Jun 2019 01:22 pm
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