
marimata square
इंदौर.
शहर के यातायात को सुधारने के लिए नगर निगम ने वीआईपी रोड के दो बड़े चौराहों मरीमाता और इंदौर वायर चौराहे के सौंदर्यीकरण की योजना तो बनाई है। लेकिन मरीमाता चौराहे को लकर नगर निगम उलझन में हैं। मरीमाता चौराहे पर सबसे ज्यादा ट्रैफिक की उलझन उज्जैन रोड वाले हिस्से में होती है। यहां पर वीआईपी रोड और उज्जैन रोड की ओर से पोलोग्राउंड की ओर जाने वाले वाहन आपस में गुत्थमगुत्था होते रहते हैं। इसी तरह से पोलोग्राउंड की ओर से उज्जैन रोड और वीआईपी रोड से उज्जैन रोड की ओर जाने वाले वाहन भी आपस में उलझते रहते हैं। चूंकी इन सड़कों पर ही सिटी बसों सहित उपनगरीय बसों का भी आना जाना लगा रहता है। जिसके कारण इस रोड पर अमूमन जाम की स्थिति बनी रहती है। नगर निगम ने इस जनता की इस दिक्कत के चलते ही इस हिस्से को चौड़ा करने के लिए निगम ने पूरा प्लान बना लिया है। इसमें नगर निगम ने चौराहों के लेफ्ट टर्न को चौड़ा करने के साथ ही यहां पर फूटपाथ और मार्ग संकेतक लगाने की तैयारी की है। लेकिन इस प्लान के हिसाब से काम करने के लिए नगर निगम अभी भी बच रहा है। दरअसल चौराहे पर एक ओर गणेश मंदिर है ओर दूसरी ओर मरीमाता का मंदिर। मरीमाता मंदिर से लगाकर ही भाजपा नगर मंत्री गोलू शुक्ला के परिवार का दफ्तर है। लेफ्ट टर्न चौड़ा करने के लिए इन्हें लगभग २० फीट अंदर तक तोडऩा होगा। इसमें मंदिर ओर भाजपा नेता का दफ्तर लगभग पूरा ही टूट जाएगा। जिससे नगर निगम बचना चाहता है। वहीं इस चौराहे से इमलीबाजार की ओर जाने वाली सड़क 104 फीट चौड़ी बनाई जानी है। नगर निगम इसका टेंडर भी कर चुका है, लेकिन ये सड़क निर्माण का काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है। वहीं यहां चौराहे पर भी एक मॉल के निर्माण का काम चल रहा है। यहां कई दिक्कतों के चलते अब निगम यातायात विभाग ने प्लान बनाया है कि ड्राइंग डिजाइन के साथ ही मौके की स्थिति को देखकर उसके हिसाब से प्लान में बदलाव कर काम किया जाएगा और जितनी जगह मिलेगी उसमें ही चौराहे के ट्रैफिक को सुधारने के लिए आवश्यक काम कर लिए जाएंगे।
1.२३ करोड़ का प्लान
नगर निगम ने मरीमाता चौराहे के साथ ही नवलखा और इंदौर वायर चौराहे के भी सौंदर्यीकरण की तैयारी की है। इन तीनों चौराहों केसौंदर्यीकरण का जो प्लान नगर निगम ने तैयार किया है, उसमें लगभग 1.23 करोड़ रुपए खर्चा होना है।
1991 और 2015 में भी नहीं तोड़ पाए थे
मरीमाता चौराहे के चौडीकरण का काम 1991 में सिंहस्थ की तैयारियों के तहत हुआ था। उस समय चौराहे पर मौजूद गुमटियों और कई पक्के मकानों को तोड़ा गया था। उस समय मरीमाता मंदिर पहली बार अतिक्रमण से मुक्त होकर सड़क पर आ गया था। उसके बाद 2015 में सिंहस्थ के पहले नगर निगम और पीडब्ल्यूडी ने इस सड़क के चौड़ीकरण का काम शुरू किया था। मास्टर प्लान में मरीमाता चौराहे से लेकर बाणगंगा पुल तक की सड़क १०४ फीट चौड़ी है, लेकिन यहां सड़क के दोनों किनारों पर मंदिर और रसूखदारों के मकान होने के कारण नगर निगम ने यहां एक इंच भी जगह तोडफ़ोड़ नहीं की थी।
0 मरीमाता चौराहे सहित सभी चौराहो के व्यवस्थित करने के लिए हम सर्वसम्मति से चौराहे के विकास का काम करने की कोशिश करेंगे। स्थानिय लोगों से इसके लिए चर्चा की जाएगी।
- दिलीप शर्मा, प्रभारी, निगम यातायात समिति
Published on:
16 Sept 2018 05:02 am
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