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PAK से भारत लौटने के पांच साल बाद गीता को मिल गई असली मां

5 साल पहले पाकिस्तान से लौटी गीता का इंतजार खत्म हुआ...। पाकिस्तानी संस्था का दावा- महाराष्ट्र में है गीता की मां...।

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इंदौर

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Manish Geete

Mar 11, 2021

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इंदौर। पाकिस्तान से पांच साल पहले भारत लौटी गीता को इंदौर के एनजीओ में भेज दिया गया था। इन पांच सालों में गीता के माता-पिता की तलाश की जाती रही, लेकिन पाकिस्तान ने दावा किया है कि गीता को उसकी मां मिल गई है। इधर, भारत में डीएनए रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।

मध्यप्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय एवं निःशक्त जन कल्याण विभाग ने आनंद सर्विस सोसायटी को गीता के माता-पिता को ढूंढने का जिम्मा सौंपा था। यह सोसायटी दिव्यांगों की मदद के लिए इंदौर में चलाई जा रही है। यही सोसायटी गीता की देखरेख भी करती है। गीता मूकबधिर है, जो सुन नहीं सकती और बोल भी नहीं सकती।

राधा वाघमारे है गीता का असली नाम

बताया जा रहा है कि औरंगाबाद में रहने वाली 70 साल की मीना पांद्रे ने दावा किया है कि गीता उसकी गुमशुदा बेटी है जो उनकी पहली शादी से जन्मी थी। पांद्रे ने बताया था कि गीता के पेट पर जलने का निशान है जो बात सही साबित हुई। यह भी जानकारी आ रही है कि माना के पहले पति सुधाकर वाघमारे का कुछ साल पहले निधन हो गया था, इसके बाद पांद्रे अपने दूसरे पति के साथ औरंगाबाद के पास ही रहती हैं। मीना पांद्रे बताती हैं कि जब वे गीता से पहली बार मिलीं तो अपने आंसू नहीं रोक पा रही थीं। गीता का नाम राधा वाघमारे है।

मीना ने अपनी बेटी को साइन लैंग्वेज में बताया कि उसके घर के पास एक नदी थी और वहां गन्ने और मूंगफली की घेती होती थी। उसके साथ ही वहां डीजल इंजन से रेल चलती थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह सभी ब्योरे महाराष्ट्र के मराठवाड़ा इलाके के कुछ स्थलों से मिलते जुलते हैं। गौरतलब है कि जब गीता गुम हो गई थी, उस समय उसकी उम्र आठ साल की थी। मूकबधिर लड़की को पाकिस्तान की सामाजिक संस्था ईधी फाउंडेशन की बिलकिस ईधी ने गोद ले लिया था और अपने साथ कराची में रखा।

डीएनए टेस्ट रिपोर्ट का इंतजार

मध्यप्रदेश के सामाजिक न्याय एवं निःशक्त जन कल्याण विभाग की संयुक्त संचालक सुचिता तिर्की के मुताबिक डीएनए टेस्ट के बाद ही मीना पांद्रे के इस दावे की पुष्टि हो जाएगी कि गीता उनकी बेटी है या नहीं। अधिकारियों के मुताबिक पिछले पांच वर्षों में 20 से ज्यादा परिवारों ने गीता को अपनी बेटी होने का दावि किया था, लेकिन सरकार की जांच में कोई भी परिवार वैज्ञानिक रूप से सही साबित नहीं हो पाया था।

2015 में सुषमा स्वराज लाई थी इंडिया

गौरतलब है कि 2015 में भारत की पूर्व विदेश मंत्री दिवंगत सुषमा स्वराज ने गीता को भारत लाने का इंतजाम किया था। पाकिस्तान में सामाजिक संगठन ने इस लड़की को आसरा दिया था। इसके बाद भारत सरकार के प्रयास के बाद वह 2015 में भारत आ गई। तभी से उसके असली माता-पिता की तलाश जारी थी। गीता को इंदौर में रखा गया था।

पाकिस्तान का दावा- मिल गई गीता की मां

पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार ईधी ने कहा है कि भारतीय लड़की गीता को महाराष्ट्र में मां मिल गई है। वह मेरे संपर्क में है और इस सप्ताह मुझे अच्छी खबर सुनाई गई कि उसे उसकी मां मिल गई। बिलकिस ने बताया कि इसकी पुष्टि डीएनए जांच के जरिए की गई है। बिल्किस के अनुसार उन्हें गीता एक रेलवे स्टेशन से मिली थी और जब कराची में हमें मिली थी तो वह बेसहारा थी। बिलकिस ने बताया कि उन्होंने उसका नाम फातिमा रखा था, लेकिन जब उन्हें मालूम चला कि वो हिन्दू है तो उसका नाम गीता रख दिया।