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सीबीएसई की सख्ती, 75 प्रतिशत अटेंडेंस जरूरी है!

कम अटेंडेंस स्टूडेंट्स पर जल्द ही सीबीएसई सख्त रुख अपना सकती है। जानकारी के मुताबिक, ऐसे स्टूडेंट्स को सीबीएसई बोर्ड एग्जाम में बैठने की अनुमति नहीं देगा।

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Indore Online

Nov 30, 2015

cbse

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इंदौर. कम अटेंडेंस स्टूडेंट्स पर जल्द ही सीबीएसई सख्त रुख अपना सकती है। जानकारी के मुताबिक, ऐसे स्टूडेंट्स को सीबीएसई बोर्ड एग्जाम में बैठने की अनुमति नहीं देगा। क्लास इलेवंथ और ट्वेल्थ में स्टूडेंट्स की कम हो रही अटेंडेंस के चलते सीबीएसई ने यह कदम उठाने का फैसला लिया है।

गौरतलब है, सीबीएसई के पास शिकायतें आ रही हैं कि स्टूडेंट्स स्कूल जाने की बजाय कोचिंग सेंटर पर मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे हैं और वहीं उन्हें 11वीं और 12वीं का सिलेबस भी पढ़ाया जा रहा है। साथ ही स्टूडेंट्स की अटेंडेंस भी मैनेज की जा रही हैं। सीबीएसई की गवर्निंग बॉडी मीटिंग में यह मुद्दा उठ चुका है, कोचिंग सेंटर्स और स्कूल्स की मिलीभगत की वजह से ऐसा हो रहा है। बोर्ड के सीनियर अधिकारियों का मानना है, देश के ज्यादातर हिस्सों में ऐसा हो रहा है।

अधिकारियों ने मीटिंग में कहा कि 75 परसेंट अटेंडेंस के नियम को सख्ती से फॉलो करवाना जरूरी है। पैरेंट्स को समझना चाहिए कि क्लासरूम टीचिंग का बड़ा महत्व है। सीबीएसई गवर्निंग बॉडी की मेंबर ज्योति अरोड़ा ने यह सवाल उठाया था कि कम अटेंडेंस की समस्या के चलते बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है। इसके बाद अधिकारियों ने इस पर गम्भीरता दिखाई। इस फैसले पर जागरूक पैरेंट्स एसोसिएशन के सदस्यों का भी कहना है कि पैरेंट्स और स्टूडेंट्स इंजीनियरिंग तथा मेडिकल एंट्रेंस की तरह ही बोर्ड एग्जाम को तवज्जो दें और नियमों को फॉलो करें।