गौरतलब है, सीबीएसई के पास शिकायतें आ रही हैं कि स्टूडेंट्स स्कूल जाने की बजाय कोचिंग सेंटर पर मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे हैं और वहीं उन्हें 11वीं और 12वीं का सिलेबस भी पढ़ाया जा रहा है। साथ ही स्टूडेंट्स की अटेंडेंस भी मैनेज की जा रही हैं। सीबीएसई की गवर्निंग बॉडी मीटिंग में यह मुद्दा उठ चुका है, कोचिंग सेंटर्स और स्कूल्स की मिलीभगत की वजह से ऐसा हो रहा है। बोर्ड के सीनियर अधिकारियों का मानना है, देश के ज्यादातर हिस्सों में ऐसा हो रहा है।